तंत्र मन्त्र
शनिवार, 19 मार्च 2011
मित्रों भादाश समुदाय इस समय २ भागो मे विभक्त दिखाई दे रहा है , एक भाग मे भाई प्रवीण शाह , प्रकाश गोविन्द जी औरशायद कुछ और ब्लॉगर जो इस विमर्श मे सिर्फ दर्शक दीर्घा मे बैठे है औरदूसरी और बाकि सभी जिनमे बहन मुनवर सुल्ताना ,अनूप मंडल , दीन्बंधू ,डॉ साहब है ,
लेकिन एक बात अभी तक मेरी जड़ बुधि मे नहीं आ प् रही है की यदि एक पक्ष तंत्र मन्त्र को नहीं मानता तो वो उस के पक्ष मे अपनी बाते रख रहा है , और जो इसे मानता है वो उसे पूर्ण रूप से खुल कर क्यों नहीं बता पा रहा है , बहन सुल्ताना का कहना है की वो विडियो काफी बड़े है जो bhadash पर load नहीं किया जा सकता , बहन इस का तो एक छोटा सा तरीका है की आप तो उस video को rar file मे बदल कर छोटा कर दीजिए और उसे अपने किसी website par upload कर दीजिए ,और उस का download link bhadash पर दे दीजिए , उस विडियो को डाउनलोड कर के देखने के बाद हम सभी किसी न किसी निष्कर्ष पर जरूर पहुच जायेगे ,आप अपनी website googal पर फ्री मे बना सकते है
लेकिन एक बात अभी तक मेरी जड़ बुधि मे नहीं आ प् रही है की यदि एक पक्ष तंत्र मन्त्र को नहीं मानता तो वो उस के पक्ष मे अपनी बाते रख रहा है , और जो इसे मानता है वो उसे पूर्ण रूप से खुल कर क्यों नहीं बता पा रहा है , बहन सुल्ताना का कहना है की वो विडियो काफी बड़े है जो bhadash पर load नहीं किया जा सकता , बहन इस का तो एक छोटा सा तरीका है की आप तो उस video को rar file मे बदल कर छोटा कर दीजिए और उसे अपने किसी website par upload कर दीजिए ,और उस का download link bhadash पर दे दीजिए , उस विडियो को डाउनलोड कर के देखने के बाद हम सभी किसी न किसी निष्कर्ष पर जरूर पहुच जायेगे ,आप अपनी website googal पर फ्री मे बना सकते है
1 टिप्पणियाँ:
अमित भाई में साफ़ तौर पर साइंस का पक्षधर हूं और जितनी भी जानकारियां इसमें जुड़ सकें मानवता के लिए हितकर रहेगा। जादू-टोना या तंत्र-मंत्र का भी एक अध्ययन करा जाता है उन्हें हम मेटाफ़िजिक्स और पैरासाइक्लोजी के नाम से जानते हैं। क्या हम साइंस को इतने छोटे आयाम में जकड़ कर देख सकते हैं कि शोध के मार्ग तक बंद कर दें। भड़ास पर विचारों में मतभेद होना कोई नई बात नहीं है।
अंतिम बात कि आपको ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं,अनूप मंडल,मुनेन्द्र,दीनबन्धु या मुनव्वर आपा तंत्र-मंत्र पर यकीन करते हैं हम तो बस उस प्रकरण को शोध हेतु प्रस्तुत कर रहे हैं आपको यदि इस बात पर आपत्ति हो कि इसे अनूप मंडल ने क्यों लिखा तो ये बात दीगर है।
आपने वीडियोज़ को आप सभी तक पहुंचाने का तरीका बताया है मैं उससे परिचित हूं इसके लिये सबसे बड़ी बात है कि आप ये भी स्पष्ट करें कि आप क्या मात्र वीडियो देख कर निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे या कोई उन्नत साइंटिफिक तरीका अपनाएंगे?वैसे यकीन मानिये कि जब से इस विषय को शुरू करा गया है बेनामी और ट्रिकी टिप्पणियों की भरमार होने लगी है भी मुझे इस बात के लिये प्रोत्साहित करता है कि आखिर क्यों कोई इस विषय पर चर्चा तक नहीं करना चाहता? क्या कुछ लोग इसे सचमुच रहस्य ही रखना चाहते हैं इसलिये इस बात को विमर्श से भी हटाना चाहते हैं???
जय जय भड़ास
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