कोल्हापुर में पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र में टीवी नहीं होगा शायद.....

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

कोल्हापुर में पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षु लड़कियों के साथ जो हुआ वह एकदम गलत हुआ। इतनी सारी लड़कियों के गर्भवती होने की बात से क्या प्रमाणित होता है? बस एक बात कि प्रशिक्षु लड़कियां और जिन्होंने ये सु(अर)कर्म करा है वे पदों पर रहने योग्य नहीं हैं। इसलिये नहीं कि छोरियां गर्भवती हो गयीं बल्कि इसलिये कि टीवी पर दिन भर में "गलती" हो जाने के बाद के मामले के बार में सैकड़ों बार बहत्तर घंटों के भीतर ले ली जाने वाली गोली और वो फ़ुग्गे जो कि कभी कभी बड़ों की गलती से बच्चों के हाथ में आ जाते हैं किस काम के हैं? ये गलत बात है कि इन प्रशिक्षार्थियों और उनके प्रशिक्षकों को इतनी सी बातों की जानकारी नहीं है। खामखां ही इतना नाटक हो गया न अगर टीवी देखा होता तो ऐसी गलती नहीं होती। सभी भड़ासियों को चाहिये कि यदि इस तरह के लोग मिलें तो उन्हें टीवी देखने की सलाह दे दें। कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि जब तक चल रहा है तो चल रहा है लेकिन जब पकड़ गए तो घटना को बलात्कार कह दिया जाता है और बेचारा मर्द फंस जाता है अब मर्दानगी इस तरह के लिये नहीं तो भला किस काम आएगी।
धिक धिक धिक धिक्कार है
जय जय भड़ास

6 टिप्पणियाँ:

KUMARI SHALU JAIN ने कहा…

@ बेचारा मर्द फंस जाता है अब मर्दानगी इस तरह के लिये नहीं तो भला किस काम आएगी।
DEEENBANDHU YA SUAR-BANDHU
KAMINE TUM JAISAY MARD(NAMARD) KI NAMARDANGI BUS ISI KE KAAM AATI HAI , JA KAR KAHI DOOB KE MAR JA , WAHA AGAR TERI KOI BAHAN YA BETI HOTI JAB BHI TU UNHE T.V DEKHNE KE LIYE KAHTA YA UNHE CONDOM ,YA 72 GHANTE KI GOLI KHANE KO KAHTA
THU HAI TUJH PAR OR TERE JAISAY KI SOCH PAR

KUMARI SHALU JAIN ने कहा…

अमित जैन तुम्हारे वश का नहीं है कि तुम ऐसे गहरे व्यंग समझ सको तुम बस अपनी ऊर्जा को अपनी राक्षसी पहचान छिपाने में ही लगाओ। ये हम हैं अनूप मंडल लेकिन तुम्हारी हरकत को उजागर करने के लिये इस बचकानी तकनीक को सबके सामने लाने के लिये उसी नाम से टिप्पणी करके दिखा रखे हैं जो करतूत तुमने करी है। सब जानते हैं कि भड़ास पर टिप्पणी मॉडरेशन लगा है बिना मॉडरेटर की स्वीकृति के टिप्पणी तब तक प्रकाशित नहीं होती जब तक कोई भड़ास का सदस्य ही टिप्पणी न करे जैसे कि प्रवीण शाह की टिप्पणी के साथ होता है(इस बात की पुष्टि स्वयं मॉडरेटर जी कर सकते हैं)। सचमुच तुम गधे नहीं महागधे हो जो कि सोचते हो कि इतने इंद्रजाल से भड़ासियों को भरमा सकोगे अब इधर तुम्हारे मायाजाल को काटने वाले जागृत लोग आ चुके हैं।
जय जय भड़ास
जय नकलंक देव

अनोप मंडल ने कहा…

जादू टूटा तो कैसा लगा ये जरा बिलबिला कर तिलमिला कर पगला कर बताओ तो कोई चुटकुला प्रकाशित करके या कोई कार्टून छाप कर :)
जय जय भड़ास
जय नकलंक देव

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

दीनबंधु भाई आपने इतना कडवा सच लिखा है कि लोग पचा ही नहीं पाएंगे, मुंह में रखते ही अंगार भर जाता है। सिस्टम पर जरा सा थूक कर हम इस अंगार को ठंडा नहीं कर सकते।
शालू जैन जी को प्रणाम
जय जय भडास

हरभूषण ने कहा…

महाभयंकर व्यंग है...

dr amit jain ने कहा…

दें बंधू भाई आप ने जों लिखा है वो सिस्टम के मुह पर करार तमाचा है ,

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