गंगापुत्र निगमानंद बलिदान
सोमवार, 13 जून 2011
अभी-अभी
गंगापुत्र निगमानंद बलिदान " href="http://hindi.indiawaterportal.org/node/31039" target=_blank>गंगापुत्र निगमानंद बलिदान
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सिराज केसरगंगा के लिए संत निगमानंद ने 2008 में 73 दिन का आमरण अनशन किया था। उसी समय से उनके शरीर के कई अंग कमजोर हो गए थे और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के भी लक्षण देखे गए थे। और अब 19 फरवरी 2011 से शुरू संत निगमानंद का आमरण अनशन 68वें दिन (27 अप्रैल 2011) को पुलिस गिरफ्तारी के साथ खत्म हुआ था,
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परिचय
गांधी के पथ पर संत" href="http://www.hindi.indiawaterportal.org/node/30765" target=_blank>गांधी के पथ पर संत
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दि संडे पोस्टसाधारण सा धोती-कुर्ता और खड़ाऊं पहने दुबली-पतली काया वाले एक संत बाकी संतों से कुछ अलग हैं। यह न बड़े पण्डाल में बैठ प्रवचन देते हैं, न ही टेलीविजन चैनलों में, पर गांधी को भूल चुके उनके अनुयायियों के लिए ये एक सीख की तरह हैं। इनके गाँधीवादी तरीके से जारी आंदोलनों ने कई बार शासन को अपनी नीतियाँ बदलने को मजबूर किया। गंगा को खनन माफियाओं से बचाने की इनकी लड़ाई लगातार जारी है। ये संत हैं हरिद्वार के कनखल में गंगा किनारे बने मातृसदन के कुटियानुमा आश्रम में रहने वाले शिवानंद महाराज स्टोन क्रेशर माफिया और शासन-प्रशासन की कैद में खोखली होती गंगा को मुक्त कराने का एक दशक से भी लंबा इनका संघर्ष किसी से छुपा नहीं है। शिवानंद महाराज की गंगा को प्रदूषण मुक्त कराने की प्रतिबद्धता ऐसे दौर में भी लगातार बनी हुई है जब गंगा के नाम पर खूब राजनीति हो रही है
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ सब
आंदोलन का परिचय
न्यायपालिका की चौखट पर गंगा-भक्त" href="http://www.hindi.indiawaterportal.org/node/30221" target=_blank>न्यायपालिका की चौखट पर गंगा-भक्त
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शिराज केसरदेश की स्वाभिमानी पीढ़ी तक शायद यह खबर भी नहीं है कि गंगा के लिए एक संत 2008 में 73 दिन का आमरण अनशन करता है जिसकी वजह से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार होता है। और अब 19 फरवरी से शुरू हुआ उनका आमरण अनशन 27 अप्रैल को पुलिस हिरासत से पूरा होता है। संत निगमानंद ने घोषणा की थी कि अगर उनकी मांगे न मान करके सरकार अगर जबर्दस्ती खिलाने की कोशिश करती है, तो वो आजीवन मुंह से अन्न नहीं ग्रहण नहीं करेंगे।
परिणाम
हरिद्वार की गंगा में खनन अब पूरी तरह बंद " href="http://www.hindi.indiawaterportal.org/node/30761" target=_blank>हरिद्वार की गंगा में खनन अब पूरी तरह बंद
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सिराज केसरनैनीताल उच्चन्यायालय ने भी माना कि स्टोन क्रशर से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है
बेलगाम खनन का एक दृश्य" alt="बेलगाम खनन का एक दृश्य" src="http://hindi.indiawaterportal.org/sites/hindi.indiawaterportal.org/files/images/vehicles-in-ganga-river-cop.gif" width=424 height=289>बेलगाम खनन का एक दृश्यमातृसदन ने अंततः लड़ाई जीत ली। हरिद्वार की गंगा में अवैध खनन के खिलाफ पिछले 12 सालों से चल रहा संघर्ष अब अपने मुकाम पर पहुँच गया है। 26 मई को नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि क्रशर को वर्तमान स्थान पर बंद कर देने के सरकारी आदेश को बहाल किया जाता है। इसके साथ ही सरकार के क्रशर बंद करने के आदेश के खिलाफ रिट-पिटीशन को खारिज किया जाता है।
सम्पर्क
सिराज केसर
मो- 9211530510
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1 टिप्पणियाँ:
अरे यहाँ तान्त्रिको की बात हो रही है और तू आ कर बाबा को घुसा रहा है
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