Is it India, Bharat or Hindustan?
गुरुवार, 7 जुलाई 2011
ॐ,
हमारा देश १ अरब ९६ करोड़ ८ लाख ११० वर्ष पुराना है.अंग्रेज इस देश में करीब साडेतिनसो साल पहले आये.और हमारे देश को इंडिया यह नाम दिया.उसके पहले मुग़ल आये वह हिंदुस्तान के नाम से पुकारते थे .लेकिन इस देश का एक ही नाम है वह भारत है.सिर्फ हमारे देश के ही नाम के साथ तो खिलवाड़ किया ही गया लेकिन हमारे इतिहास के साथ भी खिलवाड़ किया गया है.देश के नाम के साथ खिलवाड़ किया इससे इतना देश का नुकसान नहीं होता है,लेकिन देश के इतिहास के साथ जो खिलवाड़ किया उससे देश का बहुत नुकसान हुवा.बहोत ही चरणबद्ध तरीके से विदेशियों ने माँभारती को क्षति पहोंचायी है.लेकिन अब तो देश की सत्ता हमारे अपनों के पास है (पता नहीं सहीमे अपने है या नहीं) वह भी विदेशियों के साथ मिले हुवे है.पूरा देश एक होना पड़ेगा तोही १४०० साल की गुलामी मेसे बहार निकल पाएंगे.
जय हिंद
विजय घाटबोरिकर
९३७०६६८३२३
4 टिप्पणियाँ:
अरे भाई यहाँ सिर्फ ब्लोगर तकनीक खेल खेला जा रहा है , आप यहाँ खा से ये बीच मे ले आये ...:)
वैसे आप का पर्यास सरहनीय है ,इसे इसी तरह से बनाय रखे और लिखते रहे , शायद हम सब इस खेल को छोड कर कोई सर्जनात्मक सोच बना ले ,यहाँ तो अंग्रजो से ज्यादा अनूप मंडल मेरा यागदान मानता है ...:)
खेल??
खिलाड़ी तो आप और प्रवीण शाह हो बाबू अमित साहब जो कि किसी भी तरह से हार मानने को तैयार नहीं हैं। बड़े पैतरे दिखाए लेकिन जब पटक लिये जाते हो तो "सुम्म कोंबड़ी" बन जाते हो कुछ समय के लिये जैसे कि फिलवक़्त जनाब प्रवीण शाह बने हुए हैं।
जय जय भड़ास
सच कभी हार नहीं मानता ,इसलिए अमित जैन कभी हार नहीं मानेगे, हा कभी कभी झूठ ,फरेब ,मक्कारी ,और बेव्खुफो का झुण्ड उसे हराने का दावा करते है लेकिन फिर भी सच नहीं हारता और डटा रहता है , और अब आप देखते रहना कैसे ये झुण्ड मेरे पीछे ....ता है
अमित जैन साहब आप भले ही अब मुझे बेवकूफ़ कहें या कुछ और लेकिन आप नाम बदल कर या किसी भी तरह से जैसा कि प्रवीण शाह शैतान बने थे चाह कर भी अपना ब्लॉगर रजिस्ट्रेशन क्रमाँक नहीं बदल सकते भले ही ब्लॉगर सेटिंग से अपना नाम कुछ भी लिख लें
आपका क्रमाँक है
http://www.blogger.com/profile/05568646394497826829
और प्रवीण शाह जी का क्रमाँक है
http://www.blogger.com/profile/14904134587958367033
आपने मेरे ऊपर फ़र्जी आई.डी.बनाने का आरोप लगाया,आपने सीधे पक्षपात का आरोप लगाया कि मैं आपकी पत्नी का अनादर करने वालों का पक्ष ले रहा हूँ जिस पर प्रवीण शाह ने बिना आपकी वो तस्वीर देखे ही आपका पक्ष ले लिया ये उचित है आपके लिये, आज तक आपने ये नहीं बताया कि आप दोनो विद्वान वीडियो की जाँच कैसे करेंगे?????
कितने सारे सवालों के जवाब तो प्रवीण शाह ने नहीं दिये और आप???
गलती करके यदि आप स्वीकार लेते तो आपका बड़प्पन होता लेकिन जिस हठधर्मी से आप अपनी गलत बात पर डटे हैं उससे तो फिलहाल यही पता चल रहा है कि आप भड़ासी नहीं बन पाए। एक बात साफ़ जान लीजिये कि भड़ास मित्रता बढ़ाने का फ्रेन्डशिप क्लब नहीं है और न ही ज्ञान की जुगाली करने वाले बौद्धिकों का मंच जहाँ आप ज्ञान बढ़ाने के लिये पधारें और न ही साहित्यिक मंच है।
आप अपनी गलती नहीं मानते तो मत मानिये लेकिन आप मानें न मानें मुझे भी मेरी बेटी उतनी ही प्यारी है जितनी की आपको आपकी बेटी।
हृदय से प्रेम सहित
जय जय भड़ास
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