खुदरा किराना स्टोर में विदेशियों को बुलाने के लिए कांग्रेस के इन कुतर्को का यह जबाब
गुरुवार, 1 दिसंबर 2011
क्या बीजेपी और विपक्ष को नहीं मालूम है..नही...तो इन तर्कों को पढ़कर संसद में जाये और बहस करके देश को बचाए.---
कुतर्क न १: भारत देश केपास पूंजी नहीं है , वह विदेश से ही आ सकता है !!!!!!!
सिर्फ भारत के सरकारी और निजी बैंको के सभी लाकरो को १ दिसंबर को फ्रीज़ करदो और इसकी तलाशी लेकर काला धन जब्त करे . ऐसा अनुमान है इन लाकरो में करीब १२ लाख करोड़ की संपत्तिया हैं. इस कालेधन को जब्त करके देश हित में लगाया ज़ा सकता है क्योकि यह लुट का पैसा है. आपको तो मालूम ही होगा की कोयला क्षेत्र के एक क्लर्क एक बेटे ने कोयला ठेकेदारी से १०० करोड़ अभी अभी उगला है. भारत में पूंजी की कमी बताने वाले सबसे बड़े मुर्ख है. इन लाकरो में शायद रकम १२ लाख करोड़ से भी ज्यादा हो.
कुतर्क न २: हमारे पास किसानो के सामानों को सुरक्षित करने का अनुभव नहीं है, विदेशी हमें तकनीक दे देंगे !!!!!!!
यह इस कांग्रेस का सबसे बेहूदा तर्क है इसमे कौन सी रॉकेट तकनीकी लगती है. हमारे यहाँ कोल्ड स्टोरेज और फूल / फल निर्यात की तकनीक कब से प्रयोग में है. अंग्रेजो ने हमें रॉकेट और उपग्रह तकनीक तो दिया नहीं, हा, सबसे उच्च तकनीकी जैसे पेप्सी , कोला, आलू चिप्स, नमकीन, साबुन, क्रीम, पाउडर, फिनायल,चड्ढी, बनियान, टोपी, बेल्ट, जूता, दूध, दही, मक्खन लाकर हमारे बाजार को पाट दिया और भारत के २ लाख खिलौना उद्योगों को बंद करके ४० लाख लोगो को बेरोजगार अवश्य कर दिया.
कुतर्क न ३: सबसे बेहूदा तर्क की इससे १ करोड़ लोगो को रोजगार मिलेगा, इस बेहयाई पर इन्हें शर्म भी नहीं आती है !!!!!!
वालमार्ट , टेस्को आदि जहा भी गए है, उत्सुकता वश खरीददार इनके पास जाते है और वही के होकर रह जाते है, चीन ने अभी ३ शहरों से इनका स्टोर बंद कर दिया जबकि अकेले वालमार्ट चीन से २७% सामान खरीदती है. दुर्योग से यही तबका जिसके भरोसे भारत के ३ करोड़ से ज्यादा खुदरा व्यापारी अपना धंधा कर रहे है. चीन और भारत के नेताओ में यही अंतर है की भारत का नेता अंग्रेजो के बारे में ज्यादा सोचता है, और भारतीय लोग जो बीमारी की अवस्था में भी १२-१४ घंटे काम करने से नहीं हिचकिचाता है, उनकी सुधि कोई नहीं लेता है.
और अब मेरा तर्क इन विकसित अंग्रेजो के बारे में!!!!!!!! सबसे बड़ा तर्क...........
अंग्रेजो ने भारत को लुटा और २५० सालो तक हमें अपमानित करके ३५० लाख करोड़ की संपत्ति ७ करोड़ की जन्संख्याले एक छोटे से भूमि ब्रिटेन में भेजा, भारत जैसे ही करीब ७० देशो को ३०० सालो तक लुट कर सभी धन ब्रिटेन में जमा किया, आप अंदाजा लगा सकते है की अंग्रेजो ने इन ७० देशो की कुल संपत्ति को मात्र औसत ६५ साल में समाप्त कर दिया और आज के दिन उन अपर ४५६ करोड़ का कर्जा हो गया है. इस पर तुर्रा ए की इनकी कंपनिया करीब ७ लाख करोड़ रूपया सालाना लगातार भारत से और करीब २५ लाख करोड़ रुपये अन्य देशो में अपनी कंपनियों द्वारा लुटते रहे जो आज भी जारी है. भारत में तो करीब ५००० विदेशी कंपनिया आ चुकी हैं और और के लाने की तैयारी है. यूपी की आबादी के आधे लोगो ने पूरी दुनिया की संपत्ति खर्च कर डाली और कंगाली के कगार पर पहुच चुके है तो कैसे हमारे १२१ करोड़ लोगो का हित सोच पाएंगे. ए हरम खोर १२१ करोड़ भारतीयों का खून चुसना चाहते है और भारत के काले अंग्रेजो को उनकी दलाली देकर हमको दुबारा गुलाम बना देना चाहते है. इनके इस काम में भारत की भांड मिडिया अपना पूरा किरदार निभा रही है और इसे जनता जान चुकी है.
यदि मैंने गलत लिखा तो सही क्या है जरुर लिखे.
एक बात जो पक्की है वह यह की अब विदेशियों कतई नहीं आने देना है और आ भी गए तो इन्हें भगा देना है इनके शुभचिंतको सहित.
जय भारत,
धन्यवाद एवं हार्दिक शुभेच्छा,
राकेश चन्द्र
प्रकृति आरोग्य केंद्र
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