ये सच्चाई है, जो बाद में गद्दाफी की तर्ज पर सत्ताविहीन होने के बाद मालूम होगी.

बुधवार, 23 मई 2012

जिस कोर्ट ने एक नाटक के तहत संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज किया की लोगो का गुस्सा शांत हो जाये और कांग्रेसी सरकार को मौका मिल जाये, उसी कोर्ट ने बाबा राम देवजी को दोषी ठहराया, जो वास्तव में एकदम गलत है. इसका निर्णय जिस भी जज ने दिया है, वह रात में नहीं सो पता होगा क्योकि वह जान पता होगा की ये क्या गुलामी है की सत्य निर्णय नहीं दे पता हू,

बात सही भी है, लगभग सभी हिंदू मतो  बहनों के साथ शराब पिए हुए जिन पुलिस कर्मियों ने कपिल सोनिया के इशारे पर  सिब्बल और चिदम्बरम के निर्देश पर जो वर्ताव किया वह अक्षम्य है, लेकिन जज ने अंग्रेजो जैसा फैसला दिया यानी सब सोची समझी चाल है, ये मजबूर जज भी क्या कर सकता है, सब तो दलाल बन गए और बालाकृष्णन के उदहारण बन गए हैं,

कांग्रेस तो अब विपक्ष में भी बैठने लायक नहीं रह गयी है, सता तो छोड़ ही दीजिए.

ये सच्चाई है, जो बाद में गद्दाफी की तर्ज पर सत्ताविहीन होने के बाद मालूम होगी.

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