कांग्रेस ने देश का सोना चांदी हीरा जवाहरात कहा रखा है, इसको कौन बताएगा, क्या भारत की जनता को इसे जानने का हक नहीं है, बीजेपी चुप क्यों है, क्या यह सिर्फ बाबारामदेव की जिम्मेदारी है??????

गुरुवार, 24 मई 2012

कांग्रेस ने देश का सोना चांदी हीरा जवाहरात कहा रखा है, इसको कौन बताएगा, क्या भारत की जनता को इसे जानने का हक नहीं है, बीजेपी चुप क्यों है, क्या यह सिर्फ बाबारामदेव की जिम्मेदारी है??????

१-डलहौजी ने किसानो की जमीन छीनकर जमीदारो/ राजाओ के हवाले कर दिया और बदले में लगान वसूलने के लिए जमीदारों . राजाओ को जिम्मेदारी देदी.

२-जमीदारो / राजाओ ने किसानो से लगान वसूलने के लिए अपने अपने गुंडों/ कारिंदों को लगाया, कारिन्दो ने किसानो से जबरदस्ती बहुत जयादा लगान लिया और राजा के पास कम जमा किया, राजाओं ने भी इसमे अपना हिस्सा लेकर अंग्रेजो को लगान देना शुरू किया और अंग्रेज इनकी तरफ से निश्चिन्त हो गए.

३-कारिन्दो को डर था की यदि कभी पकडे गए तो मार दिया जायेंगे, इसलिए चुराए गए सोने के सिक्के आदि उन्होंने अपने घर में न रखकर पेड़ मंदिर, कुआ , झड़ी  खेत आदि में बर्तनों में करके छुपा दिए और अपने परिवारों को बताने से पहले ही मर गए, यदि धन आज हमें जमीन में यही गड़ा धन  मिलता है. चंगेज खा के हमले के बाद से भी भारतीयों ने खास कर उत्तर भारत में लोगो ने अपना खजाना घर से बाहर छुपाना शुरू कर दिया था.

४-राजाओ और जमीदारो ने अपने बचाए पैसे से खूब मजा किया लेकिन जनता के ऊपर न खर्च किये जाने वाले इए खजाने में निर्दयी कारिंदे पैसा जमा करते ही रहे और अंग्रेजो ने इन सोना चांदी को गलाकर ईटे बनाई और जहाजों में भर भर कर ब्रिटेन भेजा. अकेले राबर्ट क्लाइव ही कलकत्ता से ९०० जहाज भरकर ले गया था. अब सवाल उठता है की जब अंगेजो ने राजाओ को नहीं लुटा तो खजाना कहा चला गया.

५-भारत में बनने वाली कांग्रेस सरकारों ने भारत की जनता को कभी इस दिशा में सोचने का अवसर ही नहीं दिया. यदि पद्मनाभ स्वामी मंदिर का मामला नहीं उठता तो शायद यह चर्चा का विषय ही नहीं बनता. राजस्थान में तो आमेर के किले पर काम संजय गाँधी की देख रेख में हुआ था  और उस समय इंदिरा जी भारत की प्रधानमंत्री थी.

६-लेकिन जब यह मामला भारत के सबसे बड़े सन्यासी बाबा रामदेव जी ने अपने टीवी वार्ता  में उठाया तो यह एक बहुत बड़ा मुददा  बना गया है—"आखिर भारत के वे खजाने जो इकठ्ठा करके सरकार के कब्जे में आये थे, इस समय कहा पर रखा है और इसके लिए जिम्मेदार कौन है"

७-जब भारत के एक एक मंदिर में ३-४ लाख करोड की संपत्ति होती है तो राजाओ का अकूत खजाना कहा चला गया. निश्चय ही इसका जबाब कांग्रेस के लोगो को देना और बीजेपी को यह जब देना है की उसने इतने महत्वपूर्ण सवाल को अभी तक स्वर क्यों नहीं दिया.

८- यह तो वही बात है—जब स्वामी रामदेव जी ने पहले विदेशो में जमा कालेधन का मुद्दा उठाया तो लोगो ने उनका मजाक बनाया और इसमे मिडिया ने कोई सहयोग नहीं दिया और आज खुद भारत की सीबीआई ने स्वीकार किया की भारत के लोगो का २५,००,००० करोड विदेशी बैंको में जमा है--- स्वामी जि एक बार फिर कहा रहे है की यह धन ४०० लाख करोड से कम कतई नहीं है. आप खुद सोचिये – पहले जिसका मजाक बना वह सच्ची बात साबित हुई.

९-भारत के खजानों के बारे में भी पहले लोगो को परेशांन क्या जायेगा, इससे इनकार किया जायेगा, झूठ बोला जायेगा और पहले तो कुछ भी नहीं बोला जायेगा... फिर इसे मजाक में लिया जायेगा—इसबीच काफी समय बीत  जायेगा और जनता को किसी और चीज में उलझा दिया जायेगा जिसमे हमारी मिडिया मास्टर है. इसके बाद बोलेंगे १०० रूपया नहीं, ५ रूपया ही मिला था.

हे भारत की महान जनता, अपना हक मागो, क्योकि यह धन तुम्हारे पूर्वजो के नाखूनों में बांस की खपीच और कील ठोंककर वसूल की गयी थी जिसकी वजह से उन्होंने अपने बच्चो को भूखा रखा, नंगा रहे लेकिन शारीरिक यातना से बचने के लिए अपना सब कुछ बेचकर लगान चुकाया. अब ये पता लगाना है की आज के दिन भारत की जनता को यह उत्तर कौन देगा???????

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