कहाँ है आवाम और कहाँ है आवाज !!
शनिवार, 15 सितंबर 2012
पहले कीमतों में बढ़ोत्तरी,
फिर निवेश योजनाओं की स्वीकृति,
आएगा हडतालों का बाढ़......
आम आदमी से नहीं है सरोकार
क्यूंकि......
कीमत या हो निवेश योजना या हो हड़ताल.....
भुगतेगा केवल और केवल वो आम आवाम....
चाहे देता या लेता हो सब्सिडी....
उफ़ ये राजनीति...
आवाम का ना सत्ता पक्ष न विपक्ष,
सब करते अपने अपने हित और स्वार्थ,
क्या यही है आवाम की आवाज.
कहाँ है आवाम और कहाँ है आवाज !!
--रजनीश के झा--
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