आम आदमी और संजू बाबा !!

शनिवार, 23 मार्च 2013

घटना दुर्घटना भुक्त भोगी आम आदमी होता है के मामले में हमारे निकम्मे न्याय प्रणाली के कारण ही अपराधियों के प्रति सहानुभूति उत्पन्न होता है, फटाफट सुनवाई हो और सजा का निर्धारण तो व्यर्थ समय नहीं किया जाएगा जो अब हो रहा है। दामिनी के बर्बर बलात्कारी और हत्यारे के लिए भी ज्यों ज्यों विलम्ब हो रहा है सहानुभूति का कीड़ा पनप रहा है। क्या इस बे सर पैर की सहानुभूति के लिए हमारी निकम्मी और आलसी न्याय व्यवस्था जिम्मेदार है जहाँ जघन्य अपराधियों के लिए भी सहानुभूति का खेल क्रिकेट की तरह खेलने में प्रायोजक की भूमिका निभाता है ?

0 टिप्पणियाँ:

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP