विजया लक्ष्मी बनी यूनिवर्सिटी टोपर

मंगलवार, 3 सितंबर 2013

श्री मति  विजया लक्ष्मी 
      इस  ब्लॉग पर  इस सन्देश  को पब्लिश करने का   वैसे  तो कोई  तारतम्य  नहीं बनता   है परन्तु  इस  महिला की कहानी कुछ  अलग  है ! इनकी  पढाई   १९९५  ई०  में  समाप्त  हो गयी  थी और   तब से ये  एक गृहणी  के रूप में  अपना  समय व्यतीत कर   रही थी ! इत्तफाक  से पिछले  वर्ष  इन्होने  कुछ करने की इच्छा  जाहिर की  तब मैंने  इन्हें  कुछ ज्योतिषीय  उपाय  करने को कहा   ताकि इनकी  विद्या  भाव , कुंडली  में विकसित  हो  सके ! और  इन्होने  काफी तन्मयता से   वे  सभी उपायों  को  किया , और एक दिन इन्होने हमें बी०  एड० में नामांकन  करवाने की इच्छा  जाहिर की , जिसकी मैंने  स्वीकृति  दिया !
      आश्चर्य  का  ठिकाना  मुझे तब  नहीं रहा   जब इन्होने  इस  परीक्षा  का परिणाम   हमें यह   कहते हुए दिखाया  की  वो  इस  परीक्षा में  पूरे  विश्वविद्यालय  में  सर्वप्रथम  स्थान को प्राप्त की हैं !
         निष्कर्ष  के  तौर पर  मैं यह  कहना चाहता  हूँ की   यदि  व्यक्ति  पूर्ण श्रद्धा  से  यदि कोई भी कार्य  करे  तो   वह अपने इच्छित  मुकाम  को  अवश्य   हासिल कर  सकता है !

2 टिप्पणियाँ:

dr amit jain ने कहा…

ओ जी अपनी दुकानदारी यहाँ भी शुरू कर दो ,अन्धो किकोई कमी नहीं है ,

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