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रविवार, 2 नवंबर 2008
मामू लोग अभी तक आप लोग को भड़ास निकालते देखती थी और मन ही मन किरकिर करती थी लेकिन अब मैं भी भड़ासिन बन गयी हूं तो सबको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जरा कम ही भंकस करें क्योंकि ये काम अपुन लोग का है। समझे क्या?
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मामू लोग अभी तक आप लोग को भड़ास निकालते देखती थी और मन ही मन किरकिर करती थी लेकिन अब मैं भी भड़ासिन बन गयी हूं तो सबको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जरा कम ही भंकस करें क्योंकि ये काम अपुन लोग का है। समझे क्या?
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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2 टिप्पणियाँ:
बिटिया रानी बड़ी सयानी......
आपका स्वागत है लेकिन देखना है कि हिंदी में कितना और कब तक लिखती हो... बेटा जब हिंदी में दस मिनट बात करने में पसीना आ जाता है तो फिर मुझे पता है कि ये चार लाइनें लिखने में पूरा दिन लगाया होगा :)
फरहीन आपका स्वागत है, और हाँ ज्याश्ता किरकिर नही करने का क्या, दीदी की तरह विचारों की क्रांति चला देना का, बाकी मामू लोग है न परेशानी हल करने को.
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