झुल्लू यादव झुल्लू बाकी सब साले उल्लू

बुधवार, 3 दिसंबर 2008

आर.पी.एफ. के मुंबई सी.एस.टी. रेलवे स्टेशन पर तैनात हेड कांस्टेबल श्री झुल्लू यादव के जज्बे को आज लोग सलाम ठोंकते नहीं थक रहे हैं कि इस बहादुर ने हाथ में डंडा लेकर ड्यूटी करी और जब आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू करी तब इस रिटायरमेंट के करीब आ चुके बंदे ने साथी से 303 रायफल छीन कर आतंकवादियों की ए.के.47 का सामना करा। अगर इनकी प्रेरणा से बाकी सिपाही जो जान बचाकर भाग रहे थे फायरिंग न करते तो गजब हो जाता क्योंकि फिर आतंकवादी स्टेशन के पिछले द्वार से भागने के स्थान पर ओवरब्रिज पर चढ़ गये होते और फिर मरने वाले लोगों की संख्या कई गुना होती। हम सब झुल्लू यादव जैसे बहादुर के इस बहादुरी के जज़्बे को सलाम करते हैं। अब रेल मंत्रालय ने इन्हें दस लाख का इनाम देने की घोषणा करी है। घोषणा तो हो गयी अब इनाम कब मिलेगा ये राम जाने। काश करकरे,सालस्कर और कामते की बुलेट प्रूफ़ जैकेट्स सही होतीं तो वो बच जाते। बेचारे सिपाही पता नहीं कब तक ज़ंग लगी बंदूकों से देश की रक्षा करने की कोशिश में जान गंवाते रहेंगे और हमारे हरामी राजनेता घी पीते रहेंगें।
जय जय भड़ास

2 टिप्पणियाँ:

मनोज द्विवेदी ने कहा…

Jab atanki goli barasa rahe they. tab hamare dande wale sipahi. danda apne me dale bhag gaye. ye danda lekar phir niklenge garibon aur majlimo ko pitane ke liye.

बेनामी ने कहा…

भाई,
झल्लू यादव को सलाम, हमारा देश ऐसे ही चंद बहादुरों के कारण बचा हुआ है, नेता तो लुटेरों की जमात है, पहले मुग़ल, फ़िर अंग्रेज और सब के जाने के बाद कभी ना जाने वाले ये नेता, सब के सब लुटेरे.
देश कृतज्ञ है झल्लू यादव का.

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