क्यों कि जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।
मंगलवार, 20 जनवरी 2009
माँ तेरे कदमों में शीस नवाने को जी चाहता है,
तुष्टीकरण की राज्नीति करने वालों की नीद हराम करने को जी चाहता है।
तुझ पे ये जुल्म देख के रातों को सो नहीं पात हूँ माँ,
अंतुले ,कसाब और आतंकवादियों(मुस्लिमों)के सीने पर पैर रख के हुमचाना चाहता हू।
माँ तुझ पे जुल्म करने वालों के बारे में १२३६५४७८९९८५४ सबूत दे रहे हैं तेरे बेटे,
अपनी माँ पे ये जुल्म कैसे बर्दास्त कर पा रहें है वो।
मा मरने से पहले पाकिस्तान जाना चाहता हूँ,
मुसर्फ व जरदारी को खत्म करना चाहता हूँ।
माँ मुझे इतनी सक्ति दो कि पहले बेटे के नाम पे कलंको को जुतिया सकू,
तटस्थ बनने वालों की गाड़ मै मार सकू।
मत खुस हो तटस्थ होकर;
क्यों कि जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।
3 टिप्पणियाँ:
भाई क्या पासपोर्ट नहीं है या पाकिस्तान का वीज़ा नहीं मिल रहा? मरने तक का इंतजार कर रहे हैं क्या बात हैं इतना धैर्य किस दुकान से खरीदा है या बस शब्दप्रपंच करके दिखावा कर रहे हैं यदि सचमुच इरादा है तो जैसे कसाब अपने साथियों के साथ आ गया आप भी चले जाइये और अगर आप इस इंतजार में हैं कि आपको कोई पाकिस्तान से हल्दी छिड़क कर निमंत्रण भेजेगा कि आओ भगवन दुष्टों का वध करो तो ये आपकी भूल है
जय जय भड़ास
अरे अजय भाई ये क्या बोल दिए आप ये साहब तो बस यहीं से सब कर देंगे! ऐसे ही देशभक्तों की वजह से आज हम विकसित राष्ट्र होने का अभी तक सपना ही देख रहे हैं................
सर्व धर्म समभाव,
वसुधैव कुटुम्बकम,
बहुजन हिताय बहुजन सुखी.
हमारे मूल मन्त्र को शर्मिन्दा मत करो.
जय जय भड़ास
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