रेपिस्ट की सजा मेरी नजर से ......................
बुधवार, 7 जनवरी 2009
जब तक हिन्दुस्तान मैं रेप की सज़ा रेपिस्ट का लिंग काट कर,
उसको aadha करने की नही बनेगी ,
तब तक इस तरह की घटना नही रुकेगी।
अब समय आ गया है की इस तरह
की मानवता से अलग हट कर सज़ा का रूल हो
क्योकि मानवो की साथ मानवता का व्यवहार होना चाहिए
ओर इस तरह के जंगली जानवरो के साथ जानवरो वाला व्यवहार होना चाहिए।
5 टिप्पणियाँ:
रेप के कारण ही समाप्त कर दिये जाएं तो कैसा रहेगा ?
सर्जन से या कसाई से?? या ये मौका उसे देना चाहिये जिसके साथ अत्याचार हुआ है???
जय जय भड़ास
आत्मन बवाल जी,अमित भाई ने जो लिखा है वह उनकी निजी सोच है जब कि बलात्कारी को ऐसा दंड देना कई जगह कई बार हो चुका है,लारेना बाबिट प्रकरण से लेकर लिंगोच्छॆद कर देने के लिये ब्रिटैनिका विश्वकोश में बाबिटाइजेशन शब्द तक शामिल हो गया है;किन्तु बलात्कार(जबरन संभोग) करने की परिस्थिति एक तात्कालिक मनोरोग जैसी स्थिति होती है.
यदि आप कारण समाप्त कर देने का कारगर उपाय जानते हैं तो अवश्य बताइये बल्कि सारे अपराध समाप्त हो जाएंगे आप तो कानून के जानकार हैं......
जय जय भड़ास
भाई,
सबके अपने अपने व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं मगर बलात्कार की शिकार पीडिता के नजरिये को जाने समझें और बूझें जो ताउम्र मानसिक यातना में चली जाती हैं, नि: संदेह बलात्कारी को फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए. हमारे देश का ढुल मुल कानून ही है जो सारे अपराधों की जड़ है और अपराधियों को पुरी छुट देता है अपराध वृत्ति करने को, दिल्ली के तमाम बलात्कार कांड अभी भी अदालत के तराजू में पेंडुलम की तरह झूल रही है और झूलती रहेगी. जज, अपराधी और पीडिता की मृत्यु हो जाने के बाद भी मुकदमा कोर्ट में चलता रहेगा, और जब तक इसमें सुधार नही करेंगे हम इस वृत्ति को रोक नही सकते.
बस बलात्कारी यानी की मृत्यु दंड !
जय जय भड़ास
रजनीश जी की बात से सहमति......
फांसी देनी चाहिये......
लेकिन गर्दन से लटका कर नहीं.....
मर्दानगी के प्रतीक उसके लिंग व अंडकोशों को फंदे में लेकर लटका देना चाहिये.....
मरेगा कि नहीं???
शायद मर जाएगा क्योंकि मैने दो चार लोगों को जोर से उस जगह पर लात मारी है तो साले मरे से हो गये थे.....
जय जय भड़ास
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