मीडिया अपनी ही गलतियों की सजा भुगत रहा है
गुरुवार, 15 जनवरी 2009
संजय सेन सागर
अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये bharhaas.bhadas@blogger.com
भड़ासी अपने चिट्ठों को यहां भड़ास के अपने एग्रीगेटर पर सूचीबद्ध करें अपने चिट्ठे का URL सीधे ही हरे रंग के प्लस(+)के चिन्ह पर क्लिक करके जोड़िये
संजय सेन सागर
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
Back to TOP
3 टिप्पणियाँ:
संजय भाई,मछली गंदी...तालाब गंदा...नदियां गंदी... समुद्र गंदा...मगरमच्छ गन्दे...घड़ियाल गन्दे... सब गंदा गंदा है क्या करा जाए? कोई विकल्प है सफ़ाई का? चलिये प्रयास शुरू करते हैं...
जय जय भड़ास
भाई,आपने जो लिखा मैं उससे शत-प्रतिशत सहमत हूं। मीडिया पर लगाम हो लेकिन लगाम किसके हाथ में रहे ये भी निर्धारित करना जरूरी है क्योंकि जिसके हाथ में ये लगाम रहेगी वो कभी न कभी इसे अपने हिसाब से मोड़ना चाहेगा क्योंकि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका तीनो स्तम्भ गले तक भ्रष्ट आचरण में डूबे हैं....
समस्या है लेकिन समुचित हल क्या है???
जय जय भड़ास
संजय जी कड़क और फाड़ू पोस्ट है....
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें