वैलेंटाइन डे पर प्यार का इज़हार, उस पर बजरंग दल का प्रहार
शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009
- हृदेश अग्रवाल
अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग
कोई प्रेम का पुजारी, कोई प्रेम के ख़िलाफ़
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अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग
कोई प्रेम का पुजारी, कोई प्रेम के ख़िलाफ़
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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5 टिप्पणियाँ:
भाई इन्हें भी तो अपना अस्तित्त्व बनाए रखने के लिये कुछ न कुछ इसी तरह की हरकतें करते रहनी पड़ती है वरना आज तक देशहित में कुछ ऐसा तो करा नहीं है कि लोग इन्हें जानें या पहचानें...
जय जय भड़ास
lage raho hradyesh bhai. Hindustan ek gahre antervirodhon kaa desh hai bhai. Chahe toh isse iski taquat kah lijiye yaa phir kamjori
आप के घर में भी बहु बेटीयाँ होगी आज उनको डेट पर भेज दीजियेगा।
जिन्हें खजूर(date)पर जाना होता है वो कभी भी आती जाती हैं उन्हें दिन का इंतजार नहीं रहता प्रशांत भाई..... आप सिर्फ़ बहू-बेटियों पर ही प्रतिबंध लगा रहे हैं क्या भाई और बेटे के बिना ये सब होता है या आप महिला विरोधी हैं? लड़के अगर कुछ ऐसा करें तो आपका विरोध नहीं दर्ज कराया आपने इस मंच पर सिर्फ़ लड़कियों पर ही नजर है....
जय जय भड़ास
ह्र्देश भाई.
ह्रदय से आपको साधुवाद, सुंदर शब्दों का चयन और तस्वीरों का मेल है.
लगे रहिये.
जय जय भड़ास
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