आश्चर्य जनक किन्तु सत्य है
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चरक पूजा: अंग्रेजों नें 1863 में कानून बना कर इस प्रथा का अंत किया (चरक
पूजा जब कभी भवन एवं पुल का निर्माण किया जाता था तो शूद्रों की स्त्री, पुरुष
एवं बच...
3 घंटे पहले
3 टिप्पणियाँ:
अमित भाई बिना चित्र के भी यह बात उतनी ही ताकत से बयान हो रही है इसलिये बेकार ही हम क्यों नचनिया-गवैया का प्रचार करें अपने मंच पर? इनके लिये वैसे भी तमामोतमाम लोग लार टापकाए खड़े हैं अपना-अपना ब्लाग लिये....
जय जय भड़ास
आप की इस बात का मै आगे ध्यान रखुगा जनाब
बढिया भैये,
संतरे का बढिया बखान,
हम भी संतरे के ही दीवाने हैं.
जय जय भड़ास
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