आन्दोलन के लिए सड़क पर उतरना होगा .....

मंगलवार, 24 फ़रवरी 2009

जिसको को कोई गलतफहमी हुई है ..... मै जिम्मेदार नही हूँ ...... मैंने सिर्फ़ एक मुद्दे को उठाया है ।
और वह है अबैध नागरिकों का .... चाहे वह कोई भी हो ... देश को खतरा है .... और बंगलादेशी कीडे हमारी नाक में दम किए है ...
स्पष्ट कर दू ...... कीडा केवल अबैध घुस्पैथिओं को ही कहा है .......

अगर किसी को कोई भ्रम है की मै किसी ख़ास सरकार को निशाना बना रहा हूँ ....तो यह एकदम बकवास है ....

मेरी नजर में नेता या कोई भी ...जो इस चक्रव्यूह को रच रहे है ....वे तो गंदे नाले के कीडे ही है ....
और जहा तक समाज में परिवर्तन के लिए आन्दोलन की बात है .....उसके लिए सड़क पर उतरना होगा ....
किबोर्ड का अपना महत्व है .....लेकिन इससे आन्दोलन नही होते ...

3 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

मार्कण्डेय भाई आपने जोरदार विषय उठाया है। पहले तो नागरिकता के बारे में बात हो फिर आगे बढ़ें कि झूठी नागरिकता कैसे मिल जाती है घुसपैठियों को, इसके बाद कि जो भी इस बात के लिये उत्तरदायी हैं उनके लिये जनता क्या संवैधानिक मार्ग अपनाए भले ही वो कोई भी हो....? नेता वह होता है जो हमारे विचारों को मुखर होकर अग्रेषित करके उस स्थान तक पहुंचाने का माद्दा रखता है जहां से राज्य की नीतियां निर्धारित होती हैं राजनीति को व्यवसाय की तरह से प्रयोग करने वाले लोग नेता तो हरगिज नहीं हैं मेरी नजर में ये तो मात्र वणिक हैं जो अपने फ़ायदे के लिये कभी अपनी आत्मा बेचते हैं कभी विचार और कभी देश के साथ साथ आवाम की संवेदनाएं.....
कीबोर्ड उतना ही ताकतवर है जितना कि कलम का गुणगान करा गया है। ये हमारे जुड़ाव का एक अत्यंत सशक्त माध्यम है जो कि विकसित होती तकनीक ने उपलब्ध कराया है अब क्रान्ति के संदेश प्रेषित करने के लिये "रोटी और कमल" समयबाह्य हो गया है। अब ई-मेल कैम्पेनिंग का समय है जो तकनीक के साथ नहीं चलते वो पीछे रह जाते हैं लेकिन भारतीय जीवन मूल्य हैं कि हम तकनीक तथा मानवीय संवेदनाओं को संग-संग लेकर आगे बढ़ें यदि इनमें से कुछ भी अलग हो गया तो जीवन गणित भर रह जाएगा न कि दर्शन......
जय जय भड़ास

ज़ैनब शेख ने कहा…

आप सही कह रहे हैं कि आंदोलन कीबोर्ड के द्वारा नहीं होंगे इसके लिये सड़क पर आना होगा लेकिन सड़क पर आकर जाना किस तरफ़ है उस आंदोलन का रास्ता क्या होगा ये निर्धारित करना होगा वरना न जाने कितने आंदोलन दिग्भ्रमित हो गये हैं जिनका शुरूआती उद्देश्य बहुत अच्छा था......
इंटरनेट वैश्विक जुड़ाव का एक सशक्त माध्यम है हमें इसे समझ कर प्रयोग करना होगा
जय जय भड़ास

mark rai ने कहा…

aap logo ke vichaar se mai sahmat hoon

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