भारत माता की जय

शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलिमों (आतंकवादियों)का है-मनमोहन सिंह

7 टिप्पणियाँ:

रम्भा हसन ने कहा…

अगर तुममें जरा सा भी दम है तो अपनी सारी नफ़रत को प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर डाल कर दिखाओ लेकिन तुम ठहरे गलियों में भौंकने वाले डागी इसलिये बस इसी पन्ने पर भौंकोगे। मुसलमान को आतंकवादी कहते हो तो पूर्वराष्ट्रपति कलाम साहब को आतंकवादी लिख कर दिखाओ चाहे इसी पन्ने पर ही क्यों न मैं तुम्हें खुल कर ललकारती हूं कि अगर तुम्हें तुम्हारे इस असंवैधानिक अपराध के लिये सजा न करवाई तो जिंदगी भर गुलामी करूंगी तुम्हारी और सारे देश के मुसलमानों की तरफ़ से तुमसे वादा करती हूं कि तुम जो कहोगे वो करूंगी। एक बात और ध्यान रखना कि अगर मैं आज अभी चाहूं तो तुम्हारे आई.पी.एड्रेस को ट्रेस करवा कर तुम्हें दुम्बा बनवा दूं लेकिन बेटा सुधरने का मौका देने का मतलब शायद तुम कमजोरी समझते हो इसीलिये भौंकते जा रहे हो। तुम्हारे गांव में तो लाइट रहेगी लेकिन तुम्हारी जरूर बत्ती गुल हो जाएगी अब जरा दिखाओ कि माताजी ने कितना दूध पिलाया है कम से कम उनके दूध को शर्मिंदा मत करना।

मनोज द्विवेदी ने कहा…

ARE BHAISAHEB BAHUT NARAZ DIKHTE HAIN. KOI ANDURUNI CHOT PAHUNCHI HAI KYA? EK KISSA SUNATA HUN APKO. UNIVERSITY ME PADHATE SAMAY HISTORY KE EK PROFESSOR NE KAHA KI HINDUSTAN KE SABHI LOG MUSALMANO KI AULAD HAI. PURE CLASS ME SANNATA CHHA GAYA.HUM LOG EK DUSARE KA MUH TAKANE LAGE..PHIR PROFESSOR NE CHAR PIDHI PAHALE SE BATANA SURU KIYA. PURA LECTURE TO YAAD NAHI HAI..PAR KUCHH BATEIN AAJ BHI SACHCHI JAAN PADATI HAIN..FURTHUR INFORMATION KE LIYE APKO KHUD ITIHAS KE PANNE KHANGALANE PADENGE..MANA KI MUSALMAN SASKON NE HUM PAR JULM KIYA THA. MAGAR ISME GALTI HUM SAHISNU HINDUON KI BHI THI. HINDUON NE KHUD APNI GARDAN KATWAI THI. JANAB TAB KA JAMANA AUR THA AUR AB KA JAMAN KUCHH AUR HAI. JARA HOSH SE KAM LIJIYE HINDU HINDU CHILLANE SE KUCHH NAHI HONE WALA. KUCHH KARNA CHAHATE HAIN TO HAZARON JATIYON ME BANT CHUKE HUNDUON KO EK KARNE KI KOSHISH KIJIYE. AAP EK HO JAYENGE TO KHATARA APNE AAP KHATMA HO JAYEGA..PAHLE KHUD SUDHRIYE AUR APNO KO SUDHARIYE..SHAYAD APKE LIYE YE THODA MUSKIL HO SAKTA HAI...

चंदन श्रीवास्तव ने कहा…

प्रशांत जो कह रहा है (यही नाम शायद इसने अपना बताया था) उसे तो मैं अपनी आलोचना के लायक भी नहीं समझता लेकिन मनोज भाई आप जरा ठीक से ब्रीफ करें कि कौन सी किताब में आपने या आपके प्रोफेसर ने पढ़ लिया था कि हिन्दू , मुस्लिमों की संतान है. क्यूँ कि मैं क्या सभी लोग अभी तक यही जानते होंगे कि आज भारत में रह रहे अधिकांश मुस्लिमों के पूर्वज हिन्दू थे. ये बात तो लगभग सभी ने पढ़ी होंगी और मेरे ख्याल से मुस्लिम भी इसे मानते हैं. तो आपने जो ये नया तराना छेड़ा है इसकी राग को कृपया ठीक से समझाएं. अगर आपने सिर्फ अपनी बात कहने के लिए फिजूल की कहानी सुनाई है तो अतिविलम्ब इस पर खेद जताएं, मेरा यही अनुरोध है. अगर आप आर्य और ईरान के सम्बन्ध पर ये बात कह रहे हैं जिसका कि इतिहास में जिक्र है तो आपको ये जान लेना आवश्यक है कि जब आर्य यहाँ आये थे तो इस्लाम धर्म का उद्भव भी नहीं हुआ था. जबकि आपने कहा है कि हिंदुस्तान के सभी लोग मुसलमानों की संतानें हैं.

मनोज द्विवेदी ने कहा…

Chandan ji. har kathan ke pichhe apne tark hote hain. sabse pahli bat ki maine nahi professor ne kaha tha. jaisa ki main likh chuka hun pure class me sannata chha gaya tha. sambhawatah ye unki galat bayani thi jise un mahapurush ne apne tarkon se siddh karne ki koshish bhi ki. hum unki baat se ittefak nahi rakhte. is prasang ko yaha maine sirf TOOL ki tarah istemal kiya tha. yadi anya ki nazar mein ye FIJULBAYANI thi to main. AWILAMB MAFI MANG RAHA HUN....aap bhi itihaas ki kitabein padhte honge. ap khud soch sakte hain ki kitani VIRODHABHASI batein alag-alga writers ne likhi hai.
Apke margdarshan ke likh DHANYABAD

prashant ने कहा…

भाईयों इतिहास लिखा किसने है अर्जुन सिह या बाबर ,अकबर के हिमायतियों ने ही ना
अच्छा फर्ज करो जब गुजरात दंगो का जिक्र किया जायेगा तो हिन्दुओं को दोसी सिद्ध किया जायेगा क्योंकि सभी अखबारों व फंडू सेक्युलर मीडिया द्वारा दंगो के बाद प्रतिक्रिया ही होता है सुरूआत का जिक्र नहीं होता कि कैसे ट्रेन में निरीह हिन्दुओं का अग्निसमाधी बनी

बेनामी ने कहा…

भाई,
जयचंद से तो अकबर भला,
तिरंगा हम किसी हिंदू के महल पे नही फहराते.
प्रधानमंत्री ने अगर ये कहा तो सच ही कहा है.
वैसे आप जैसे हिन्दुओं की कृतघ्नता इतिहास है.
जय जय भड़ास

prashant ने कहा…

जय चन्द का रोना रो रहे हैं अंतुले,अफजल गुरू के बारे में क्या ख्याल है

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