मत डरो
शनिवार, 7 फ़रवरी 2009
यारो मेरे comments अब चोख्रेबली नही दिखा रहा है ,
लगता है महिलाओ के हित मे बात करते करते वो सचाई से डरने लगा है ,
वरना मेरे द्वारा उठे सवालो का जवाब देने के बजाय उन्हें delete न करता /
अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये bharhaas.bhadas@blogger.com
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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3 टिप्पणियाँ:
अमित भाई आप यकीन मानिये कि हिंदी ब्लाग जगत में मुखौटाधारियों की कमी नहीं है। वैसे तो ये सारे बड़े-बड़े आदर्शों और सिद्धांतो का रमतूला बजाते रहते हैं और इनके टिप्पणीकारों के गिरोह जो इनको सहयोग करते हैं लेकिन जैसे ही इनके जब आप इनकी नीतियों और सिद्धांतों पर सवाल लेकर इनके सामने आ जाते हैं तो इनमें इतना तक साहस नहीं रहता कि ये आपकी बात का समुचित उत्तर दें बल्कि कन्नी काट जाते हैं। ऐसे में चाहे चोखेरबाली हो जो कि स्त्रीविमर्श की बात करती हैं या पंखों वाली भड़ास जो कि सरलता और सादगी से देसज स्पष्टवादिता की बात करता है जब अपने मुखौटे उतार कर नुकीले-पैने खून पीने वाले दांत दिखा कर इनके झूठ के विरुद्ध आवाज उठाने वाले को डराने लगते हैं तो हम भड़ासियों का महाअभियान है इनके दांत तोड़ कर इनको इनकी औकात बता देना। इन पाखंडियों को ये लगने लगा है कि ये इतने बड़े ब्लाग-माफ़िया हैं कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता..... इसलिये शुरू हो जाइए कमर कस कर......
जय जय भड़ास
वीरू वो दिखेगा भी नही,
ये महिलाओं की नही बल्की महिला के नाम पर बिल्कुल भड़ास की तरह उनकी भावना को बेचने वालों की जमात है.
सच्चाई का जवाब देना ओरत हकीकत का सामना करने की हिम्मत इन में भी नही है.
जय जय भड़ास
भाई,
ब्लॉग जगत में मुखौटेधारियों की कमी नही है और जरा देखिये तो ये लोग अपने आपको अगुआ भी बताते हैं, चाहे पंखे वाली भड़ास हो या नारी का ये स्वयंभू चोखेर बाली. सभी बस एक दुसरे की भावना से खेल कर सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी भी हथकंडे को अपना सकते हैं,
इन्होने जवाब के बजे ऐसे ही तरीके अपना कर अपने आपको अगुआ बनने की मुहीम चला राखी है.
हम इन तमाम क्षद्मधारियों के मुखौटे को नोच फेकेंगे.
अपनी मुहीम जारी रखिये.
जय जय भड़ास
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