हम भी हैं खरीदार इसी जहाँ में....
शनिवार, 7 फ़रवरी 2009
पीटरसन बिक गए
फ्लिंतोफ्फ़ बिक गए
बिक गए भैय्या टेट
रवि बोपारा, थिलन तुषार
बिक कर हो गए सेट
बंगलादेशी मशरफे बिक गए
इंडिया देखेगी भूखे पेट
की बोलो सारारारा रा रा .......
प्रीती ख़रीदे , शिल्पा ख़रीदे
ख़रीदे टीना अम्बानी
मिनरल वाटर सब गटकेंगे
जनता मांगे है पानी
की बोलो सराररारा............
किरकिट किरकिट फिर से होगा
लटके झटके में बाला
बैट बोल ले दौडो मंगू
घर को लगा के ताला
की बोलो सराररारा ............
3 टिप्पणियाँ:
मनोज भाई बेहतरीन है बोलो सर्र्र्र सर्र्र्र्र सर्र्र्र्र सारारारा....
जय जय भड़ास
बढ़िया कहा भाई.
स्स्साला बिका कोई पण देखो तो तमाशा, अधनंगों की बारात में नंगा कर रेला है डांडिया. भैन दा टक्का बिकी हुई मिडिया के दलाल के टुच्चे प्यादे, पत्रकारिता के दल्ले भैन के टक्के बिकाऊ बाजार में सब को इसके खरीद बिक्री का सुरती खिला रिया है.
जय जय भड़ास
वाह बहुत खूब भाई,
जिस देश का चारो खम्भा बिका हुआ है, पत्रकारिता इन बिके हुए का अगुआ बना हुआ है,
पत्रकारिता से बाहर किए जा चुके लोग (पंखे वाली भड़ास और भड़ास फार मीडिया) इनके दलाली में लिप्त हो.
इन सभी पर भी अपनी तीखी लेखनी को जारी रखें.
शुभकामना.
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें