नेताजी उर्फ़ डॉक्टर ...

बुधवार, 25 मार्च 2009

कभी कभी एर्थ का अनर्थ होने में देर नही लगता । हमारे एक डॉक्टर साब है । वह सचमुच के डॉक्टर तो नही है पर यह उनका निकनेम है । है तो वह नेता आदमी ...पर सिविल सेवा ने भी उनको काटा हुआ है । यानी तैयारी में भी लगे हुए है । मंडली में डॉक्टर और गुड्डू भाई के नाम से ही जाने जाते है । ओरिजिनल नेम सगीर नज्म नाम मात्र के लोग ही जानते है । उनकी आधी आधी चाय बड़ी फेमस है । किसी को कहते है ''आओ डॉक्टर आधी आधी चाय हो जाय '' उनको चाय के साथ सिगरेट जरुर चाहिए । एक हाथ में चाय और दुसरे हाथ में सिगरेट .... डेली का रूटीन । मै तो सेकेण्ड स्मोकर बन गया हूँ ...पर अब थोड़ा दूर ही रहता हूँ , जब वो कश खीच रहे होते है । कभी भी पुरी चाय नही लेते जैसे वह उनकी सौत हो ।
बहुत बातूनी भी है ....जो एक नेता टाइप के व्यक्ति को होना भी चाहिए । पर हद तब हो जाती है जब बोलते बोलते बहक जाते है ... तब एर्थ का अनर्थ हो जाता है । एक बार ऐसे ही एक व्यक्ति को जो उनका अच्छा फ्रेंड है ,को प्रकांड विद्वान् की जगह प्रखंड विद्वान् कह दिया और झेप गए । वैसे तो इस तरह की गलतियाँ सभी लोग करते है , पर हमारे नेताजी उर्फ़ गुड्डू भाई कुछ जयादा ही एक्सपर्ट है । इमोशन में आकर अपनी ही बातों में फंस जाते है .... बाद में उसपर विचार करते है । आलसी तो बिल्कुल नही है , कही भी जाने के लिए तैयार रहते है ,किसी की मदद करना तो उनका रोजमर्रा का काम है ।
एक दिन की बात है वह अपने एक मित्र के साथ रिक्से से जा रहे थे , उनकी बातों से रिक्सा वाला उनको डॉक्टर समझ लिया और कहा की डॉक्टर साब मुझ पर कृपा कर एक दवा बतला दीजिये , मुझसे रिक्सा नही चल रहा है । फ़िर इनको अपनी डॉक्टर गिरी दिखाने का मौका मिल गया । और वैसे ही कुछ दवा का नाम भी बतला दिए ।
रिक्सीवाला हो या खोमचेवाला , चायवाला हो या ठेलेवाला , इन सबसे उनकी खूब बनती है । जनाधार वाले नेताओं की यही तो निशानी होती है । मुझे इस बात का डर लगता है की अगर वो किसी बड़े पद पर चले गए और उनको मिडिया के सामने बोलने का मौका मिले तो क्या बोल देगे कुछ कहा नही जा सकता । कई ट्रेलर तो दिखला भी चुके है । यह भी सोचता हूँ की तब तक आदत सुधर जायेगी और ये बचपना ख़त्म हो जायेगी ।
उनके पास भाँती भाँती के जीव जंतु भी आते रहते है । मै अपने को एक जंतु ही मानता हूँ सो उनके मित्रों या परिचितों को जंतु कह दिया । एक दिन ऐसे ही एक जंतु के मुख से निकल गया की मेरे पास एक दांत और बतीस मुंह है ... आप सोच सकते है , उसकी क्या हालत हुई होगी । खैर अच्छे आदमी है ... मेरे अभिन्न मित्र है । हम साथ साथ रहते भी है । मेरे मन में कोई दुर्भावना भी नही है ।
कभी कभी कोमेडी भी करते है तब मै सोचता हूँ की बेकार में वह नेता गिरी के चक्कर में पड़े है , उन्हें लाफ्टर चैनल ज्वाइन कर लेना चाहिए । उम्र लगभग पैतीस की और वजन ५१ किलो की कामेडियन में जमेगे भी ।
मुझे लगता है की शायद जल्दी किसी बात का बुरा नही मानते इस लिए उनके बारे में इतना लिखने पर भी डर नही लगा ।

1 टिप्पणियाँ:

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

एक दांत और बत्तीस मुंह......
मार्क भाई मजा आ गया, अब आप धीरे-धीरे रंग में आ रहे हैं:)
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP