ट्रक ड्राइवर हत्याकांड:साहेबपुर कमाल की पुलिस ने पार कर दी हैवानियत की हद

रविवार, 29 मार्च 2009


पिछले कुछ दिनों पूर्व बेगुसराय जिला मुख्यालय से लगभग तीस किलोमीटर पूरब एन एच ३१ पर अवस्थित साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के बोलबम पेट्रोल पम्प के समीप उत्तरप्रदेश के ट्रक ड्राइवर की ह्त्या ने इस थाना को कलंकित कर के रख दिया. पिछले बीस पच्चीस वर्षों के इतिहास में इस तरह की कोई भी घटना नहीं होने के कारण अचानक इस घटना की सुचना मिलते ही आम लोगों में उबाल आगया. बताया जाता है की लगभग चार-पांच की संख्या में आये हुए अपराधियों ने ट्रक ड्राइवर से अस्सी हजार रुपये लुटने के बाद उनकी गोली मार कर ह्त्या कर दी. लोकसभा चुनाव धमक के ऐन मौके पर हुए इस ह्त्या ने स्थानीय पुलिस की नींद उडाकर रख डाली. हत्यारों के गिरहबान तक पहुँच पाने में असफल रही साहेब पुर कमाल पुलिस ने अपनी खीज मिटाने के लिए दो लाइन होटल संचालकों को धर दबोचा और फिर उन पर ऐसे जुल्म किये गए जिसकी कल्पना से देह सिहर उठता है. निरीह और गरीब लोगों के साथ बेरहमी से पेश आने वाली साहेब पुर कमाल पुलिस के प्रति आम लोगों में घोर आक्रोश व्याप्त है. सहरसा जिला से विस्थापित वीरेंदर कुमार बोल बम पेट्रोल पम्प पर एक छोटी सी दूकान चलाता है जहाँ चाय नाश्ते के साथ हल्का-फुल्का भोजन बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. हत्याकांड की रात यह दूकानदार करीब नौ बजे अपनी दूकान बंद कर के अपने घर चला जाता है.हत्या रात के लगभग दो बजे घटती है. सुबह जब पुलिस महकमा पुरे लाव-लश्कर के साथ घटना स्थल पर पहुँचती है तो हत्यारे तक पहुँचने की बात तो दूर वह इस गरीब आदमी को उठाकर थाने ले जाती है और फिर वहां शुरू होता है पुलिसिया नंगा नृत्य जिसमे बेदर्दी से पीटा जाता है वीरेंद्र. अपने शारीर पर उभरे जख्म को दिखाते हुए यह व्यक्ति फफक पड़ता है और न्याय की गुहार लगाता है की जब मैं इस घटना में शामिल ही नहीं था तो फिर पुलिस ने मेरे साथ ऐसा अत्याचार क्यूँ किया. वैसे यहाँ yah बता देना उचित होगा की घटना के तीन चार दिनों में ही असली हत्यारे पकड़ में तो आ जाते हैं लेकिन साहेब पुर कमाल की पुलिस ने इस व्यक्ति के साथ जो जुल्म और अन्याय किया उसका जिम्मेवार कौन होगा.सिर्फ वीरेंदर ही नहीं बल्कि आस पास के अन्य दूकान दार भी पुलिस की इस दरिंदगी से सहमे हुए हैं. बकौल लाइन होटल संचालक बलबीर सिंह "पुलिस अगर सतर्क रहती तो yah घटना होती ही नहीं,क्यूंकि अधिकाँश सिपाही ही ट्रक से पैसे वसूलने ट्रक का पीछा करते हैं जिससे अपराधियों को भी मौका मिल जाता है." बहरहाल रंजन कुमार के नेत्रित्व में अब तक तो थाना पर आम लोगों का विशवास तो जरुर था मगर इस घटना ने उनकी प्रशासनिक कार्य कुशलता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट:-मनीष राज

2 टिप्पणियाँ:

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

मनीषभाई बड़े दिनों बाद भड़ास पर प्रकट हुए लेकिन आए भी तो धमाका लेकर और हवा तंग भी करी तो सीधे पुलिस वालों की.....भई वाह!!!
जय जय भड़ास

बेनामी ने कहा…

मनीष भाई,
शुशासन और विकास राज. बिहार के विकास पुरुष की पोल खोलती ये आपकी रपट ने नीतिश राज के एक चेहरे को उजागर किया, लगे रहिये और पोल खोलते रहिये.
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP