मेरे छोटी सी अर्ज

सोमवार, 13 अप्रैल 2009

अपने गमो पर हँसता रहा मै हे पर्भु ,
और आप भी मुझे हँसाते रहे ,
तम्मना मेरे एक ये पुरी करना बस ,
कभी मुझे भी खुशी के आशु देना

2 टिप्पणियाँ:

मनोज द्विवेदी ने कहा…

Miliye kisi din apko hansate-hasate ankhon me anshu jarur la dunga.....badhiya likha hai amit bhai

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

अमित भाई देर किस बात की हैआप दोनो भाई तो दिल्ली में ही हैं जल्दी से लपक कर मिल लीजिये मनोज भाई से :)
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP