मेरे छोटी सी अर्ज
सोमवार, 13 अप्रैल 2009
अपने गमो पर हँसता रहा मै हे पर्भु ,
और आप भी मुझे हँसाते रहे ,
तम्मना मेरे एक ये पुरी करना बस ,
कभी मुझे भी खुशी के आशु देना
अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये bharhaas.bhadas@blogger.com
भड़ासी अपने चिट्ठों को यहां भड़ास के अपने एग्रीगेटर पर सूचीबद्ध करें अपने चिट्ठे का URL सीधे ही हरे रंग के प्लस(+)के चिन्ह पर क्लिक करके जोड़िये
अपने गमो पर हँसता रहा मै हे पर्भु ,
और आप भी मुझे हँसाते रहे ,
तम्मना मेरे एक ये पुरी करना बस ,
कभी मुझे भी खुशी के आशु देना
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
Back to TOP
2 टिप्पणियाँ:
Miliye kisi din apko hansate-hasate ankhon me anshu jarur la dunga.....badhiya likha hai amit bhai
अमित भाई देर किस बात की हैआप दोनो भाई तो दिल्ली में ही हैं जल्दी से लपक कर मिल लीजिये मनोज भाई से :)
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें