दुःशासन का कुशासन या चाहिये सुशासन?
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009
मजबूत नेता वह कहलाएगा जो संविधान सम्मत कार्य करेगा। जो कि सरकारी तंत्र का सदुपयोग करेगा जिससे देश में संविधान का सपना, रामराज्य की स्थापना का कार्य पूरा हो सके। ऐसी ही धारणा संविधान वनाने वाले हमारे देश के महान नेताओं ने सोचा था। जो नेता सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करेगा व शासन सत्ता का इस्तेमाल लोगों का अपमान करने के लिये करेगा व ऐसे लोगों का दमन करने के लिये करेगा जो कि संविधान सम्मत कार्य करने का इच्छुक है तो वो नेता भारत का भविष्य सम्हालने वाला नेता नहीं हो सकता। सरकार सुशासन स्थापित करने के लिए होती है यदि कोई व्यक्ति इसका उपयोग अपने प्रभुत्व को बनाए रखते के लिये करेगा तो निश्चित तौर पर सुशासन की जगह कुशासन ही ले लेगा।
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
हरभूषण भाई आप मानें न मानें पर सच ये है कि भारत के लोग लोकतंत्र के लिये अभी तैयार नहीं है इन्हें सामंतवाद ही पसंद है ये आपकी बात को पचा नहीं सकते
जय जय भड़ास
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