लज्जा और हया
रविवार, 5 अप्रैल 2009
लज्जा और हया शब्द तो म्यूजियम में रखने योग्य हो गए है । लोगो को दिखाया जायेगा ... ये कभी भारत के अनमोल धरोहर होते थे । लोग विश्वास नही करेगे और बहस शुरू हो जायेगी ।
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लज्जा और हया शब्द तो म्यूजियम में रखने योग्य हो गए है । लोगो को दिखाया जायेगा ... ये कभी भारत के अनमोल धरोहर होते थे । लोग विश्वास नही करेगे और बहस शुरू हो जायेगी ।
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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3 टिप्पणियाँ:
लोग ये सोचेंगे कि ये डायनासोरों के समाज में होने वाले संस्कार हुआ करते होंगे:)
जय जय भड़ास
अच्छे शब्द हैं दिखावा करने के लिये लेकिन हकीकत में वाकई इन शब्दों का अर्थ नहीं रह गया है ये भी बिकाऊ आईटम हैं अधिकांशतः...
जय जय भड़ास
सही कहा आपने,
तो इन्हें देखने के लिए मुजियम चलें क्या :-प
जय जय भड़ास
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