* ज्योतिष के सन्दर्भ में :
गुरुवार, 7 मई 2009
" ज्योतिष शास्त्र के ज्ञान से मनुष्य को श्रेष्ठ लाभ यह है की उसे पूर्वजन्म के शुभाशुभ कर्मो का ज्ञान ,वर्तमान जन्म में शुभकर्म करने की आवश्यकता , मानविय जन्म का उद्देश्य , ईश्वरीय व मानवीय शक्ति में अन्तर , कर्म और भोग की मर्यादा , प्रारब्ध और प्रयत्न की सीमा व दोनों का परस्पर सम्बन्ध , अनुकूल व प्रतिकूल समय का ज्ञान व संकट समय मन में धैर्य रख उस पर विजय प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होती है । इस शक्ति से मन में संतोष , संतोष से चिंता का नाश ,चिंता-नाश से धर्म की प्राप्ति ,धर्म से धैर्य व शक्ति की प्राप्ति और शक्ति से ईश्वर के प्रति भक्ति व विश्वास क्रमशः प्राप्त करते हुए व सांसारिक आपत्तियों को सहर्ष स्वीकार करने की क्षमता प्राप्त होती है । "
1 टिप्पणियाँ:
आप यकीन मानिये कि भड़ास के मंच पर आपको मेरे जैसे तमाम कुंठित भड़ासी मिलेंगे जो मात्र कर्म की प्रधानता की बात करते हुए बहुत ही तार्किक और साइंटिफ़िक तरीके से आपके विषय पर आपसे बेकार की जिरह करेंगे लेकिन आप सही व्यवसायी या जनसेवक तब सिद्ध होंगे जब आप इन पर ध्यान न देकर अपनी ही भड़ास पेले रहें। आपका हार्दिक स्वागत है आपके ही एक और हमपेशा Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" भड़ास पर पहले से ही उपस्थित हैं उम्मीद है आप लोगों में खूब जमेगी
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें