अरविंद आए अमित जैन और महावीर सेमलानी की वकालत में आगे

सोमवार, 22 जून 2009

@ ARVI'nd बोले....

तुम्हारी

बातो से लगता है की एक दम ही बेशरम आदमी हो जो किसी धर्म को ,या परसिद्ध आदमी को गाली दे कर अपना नाम करना चाहते हो , जैसे मायावती अपना वोट बैंक बचाने के लिए रास्त्र पिता को बुरा भला कह रही है , उसी तरह तुम भी बिना सर पैर की बात कर के जैन धर्म की बुराई कर रहे हो जबकि तुम्हारे पास कोई सबूत नहीं है , मैंने जानना चाह तो मै बच्चा हो गया , जिसे समझने मे बुढापा जायेगा / तुम लोग ढोगी हो जो सब लोगो का बेव्खुफ़ बना रहे हो / जो बोले वो तुम्हारे लिए दुश्मन है , raksah है ,महावीर सेमलानी को तुम अमित का हिमायती बताते हो , तुम भी तो बताओ की तुम लोगो का क्या काम धंधा है , क्या करते हो , क्यों तुम्हारे phiswade मे किसी दुसरे का काम देख कर आग लगती है , तुम ने कोण सा देश आजाद कराया है , किसी हत्यारे की तथाखाथित किताब को दिखा कर क्या साबित करना चाहते हो ? अब मुझे बच्चा मत कहना।

ओह!!!बच्चे तुम्हें सिर्फ़ बच्चा ही नहीं बल्कि कच्चा भी कहा है। शरीर की उम्र बढ़ने और दिमागी उम्र बढ़ने में कभी कभी तारतम्य गड़बड़ा जाने से आपको पच्चीस-तीस साल के ऐसे मानसिक विकलांग बच्चे मिल जाएंगे जिनकी मेंटल एज मात्र तीन या चार साल रहती है। इसलिये अपने छोटे से दिमाग पर बोझ मत डालो बस पढ़ते जाओ सब सामने आ रहा है हजारों सालों का पाखंड इतनी जल्दी नहीं टूटेगा। किसी प्रसिद्ध व्यक्ति पर थूक कर ख्याति हासिल करना तो बड़ा पुराना टोटका है जो कुटिल सोच रखने वाले करते हैं। हमारी आजीविका के बारे में जानने की इच्छा है तो बड़ी अच्छी बात है हम पेशे से चमार हैं,जुलाहे हैं,कुम्हार हैं,किसान हैं,डाक्टर हैं,वकील हैं,नाई हैं, सुनार हैं..... अगर आप चाहें तो आपकी नजर में हम ढोंगियों से आप सीधे ही मिल सकते हैं तब आप शायद समझ सकेंगे कि अनूप मंडल कोई एक सनकी या सिरफ़िरा व्यक्ति नहीं है। देश के कानून की समझ रखता है किसी पर कोई गम्भीर आरोप लगाने का परिणाम जानते हैं। क्या आपको लगता है कि देश महाजनों ने कराया था या फिर मात्र अहिंसा का गाना गाने से देश आजाद हो गया था। रही बात एम.के.गांधी को राष्ट्रपिता स्वीकारने की तो सत्ता जिनके पास है वो किसी को भी कुछ भी स्वीकार लें आप उनका विरोध नहीं कर सकते वो मात्र पांच साल में आपकी बजा कर रख देते हैं, आज अगर कांग्रेस सरकार चाहे तो भड़ास के संचालक डा.रूपेश जी के अनुसार अजमल आमिर कसाब को "राष्ट्रदामाद" स्वीकार ले आपको उसे जीजाजी कहना ही पड़ेगा क्योंकि जनता की सरकार है और फैसला सरकार का है।

अभी बहुत कुछ है, अच्छा लगा जो आप विमर्श में सामने आए। यदि अमित जैन या महावीर सेमलानी से कुछ पैसा लेकर भी इनके सहकार्य के लिये खड़े हो गये हैं आप तो भी स्वागत है बेचारा अमित तो अकेले बौरा गया था क्योंकि महावीर सेमलानी तो जो दुम दबा कर भड़ास से भागा तो आसपास तक न फट्का क्योंकि भड़ासियों ने उसके पाखंड को समझ लिया था। उसने आते ही प्रभाव जमाने के लिये सीधे नंगे बाबाओं के साथ भूतपूर्व राष्ट्रपति की फ़ोटॊ डाली ताकि भड़ास के पेज पर छा जाए लेकिन किसी भड़ासी ने जस्टिस आनंद सिंह की बात निकाल कर राष्ट्रपति की ही किरकिरी कर दी जो हकीकत थी तो ये मक्कार दुम दबा कर भाग लिया और अमित के कंधे पर बंदूक रख कर टिप्पणी करता है कि क्या पिछली पोस्ट हटा दी?

तुम्हारा धन्यवाद बालक अब तुम्हें काफ़ी लिखना पड़ेगा टिप्पणी देने से काम नहीं चलने वाला

जय जय भड़ास
जय नकलंक
अनूप मंडल, मुंबई

1 टिप्पणियाँ:

Abhishek Mishra ने कहा…

आप ने जो आरोप लगाया है (,बच्चे तुम्हें सिर्फ़ बच्चा ही नहीं बल्कि कच्चा भी कहा है। यदि अमित जैन या महावीर सेमलानी से कुछ पैसा लेकर भी इनके सहकार्य के लिये खड़े हो गये हैं आप तो भी स्वागत है ) इससे सिद्ध होता है की आप लोग कहा तक गिर सकते है / जब कोई जवाब देते नहीं बन रहा तो आरोप लगालो / तुम ने अब तक भी अमित की किसी भी बात का सही जवाब नहीं है / बावली पुछो जाओ आपना राग कही और बजाओ

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