रविवार, 14 जून 2009
धूम मचाले
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धूम मचाले
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धूम मचाले
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धूम मचाले
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धूम मचाले
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बहुत धूम मचाली
अब बिस्तर बिछाले ……॥और सोजा
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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5 टिप्पणियाँ:
wah wah wah wah
और सुबह उठ भी जाना ये नहीं कि हमेशा के लिये सो जा अमित भाई के कहने पर :)
जय जय भड़ास
बहुत खूब, सुन्दर रचना,
बधाई
जारी रहिये
जय जय भड़ास
कमाल है यार अकेले धूम मचाने की बात कर रहे हैं :)
जय जय भड़ास
धूम मचेगी तो सब के साथ ,
अकेला नाच कर मै क्या करुगा ,
पर भडासी हु न इसलिए ,
धूम मचा रहा हु
.............:)
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