मंडल अब देख कैसे बजता है तेरा बण्डल भाग -१

शुक्रवार, 19 जून 2009

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हिंन्दु उनकी मानवता के क्षेत्र में नही आते थे| इस विचित्र "साधुवृती" को देखकर मुझे आघात पहुँचा------------

तेरे जैसो को तो हर बात से आघात पहुचता है , जब तू ही इस दुनिया से chaला जायगा तो किसी को अगःत नही पहुचे गा क्योकि तू कभी महात्मा के पाव की जूती भी नही बन सकता

तेरा भाई - अमित जैन ---जो अब तेरी तरह तेरी हर बात की खाल निकलेगा

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