सत्य को अपूर्ण या मिलावटी बना कर दिखाना ही राक्षसों का तरीका है अमित !!!!!

रविवार, 30 अगस्त 2009

जो भाई-बहन इन राक्षसों के बारे में आर्यसमाज के स्वामी दयानंद सरस्वती के ग्रन्थ "सत्यार्थ प्रकाश" को पढ़ना चाहे वो चित्र पर क्लिक करे
अमित! तुमने स्वामी दयानंद सरस्वती जी के जिस ग्रन्थ की बात करते हुए ये दुहाई दी है कि स्वामी जी ने ये कहा था तो तुम महज आधा सच बता कर सबको भरमाने की कोशिश कर रहे हो। हम तुम्हें बताते हैं कि मात्र तुम को ही नहीं हमें भी ग्रन्थ पढ़ने की आदत है। तो दुनिया देखे कि सत्यार्थ प्रकाश नामक अपने ग्रन्थ में आर्य समाजी स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने एक पूरा अध्याय ही तुम राक्षसों के बारे में लिखा है जहां से तुमने चित्र उठाया है हम भी वहीं से लाए हैं। तुम बचने वाले नहीं हो चाहे कितने भी मायावी प्रपंच कर लो।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास

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