सनातन धर्म के स्वामी दयानंद सरस्वती जी का लिखा सत्यार्थ प्रकाश
शनिवार, 29 अगस्त 2009
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फ़िर फ़ैसला करे की अनूप को इस के बारे मे कुछ पता भी है या सिर्फ़ ये किसी महापुरुष की आड़ मे कुछ भी बोल कर अपने तर्क हिन् बातो को सिद्ध का चहते है की स्वामी जी ने सिर्फ़ जैन धर्म ही की नही बल्कि जैन , इस्लाम , बाइबल (इसाई ), बौध धर्म और भी काफी धर्मो के बारे मे लिखा है , तो सिर्फ़ आप जैन धर्म को ही ले कर क्यो विचलित है ?
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यदि भडाश के सदस्य चाहे तो मै ये पुरी किताब आप सभी के पढने के लिए यहाँ पर भी दे सकता हु /शायद मेरी किताबो को पढने की बुरी लत यहाँ किसी के लिए लाभदायक सिद्ध हो /सिर्फ़ कुतर्को सहारा ले कर कुछ भी कहने वालो से कोई बात करना अब मै जरूरी नही समझता / अभी मेरे ख्याल मै आया की जितनी तकनिकी जानकारी अनूप मंडल को है वो हम मे से किशी को भी नही है / क्यो नही अनूप मंडल ये भी पता कर के बता देता की जो annomious comment डॉ साहब की पोस्ट पर आया है वो किस जगह से , किस की ip से आया है / कही एसा तो नही की पहले अनूप मंडल ने ख़ुद ही वो विवादासप्द comment अपनी तकनिकी कौशल से भेजा , फ़िर ख़ुद ही डॉ साहब को फ़ोन किया , फ़िर ख़ुद ही उस का तरीका ढूढ़ कर ले आए , वाह क्या तरीका निकला है / आप सभी इस पर थोड़ा सा ध्यान देगे तो आप को सारी बात शीशे की तरह साफ नजर आ जायेगी
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