भड़ास किसी भी ईमानदार और निर्भीक पत्रकार के खिलाफ़ नहीं है
मंगलवार, 25 अगस्त 2009
भाई जयप्रकाश के ब्लॉग "बेहया" और भाई हरेप्रकाश के ब्लॉग "हमारा देश तुम्हारा देश" की तरह एक और दमदार ब्लॉग ने दम तोड़ दिया
VOI ब्लाग चलाने वालों को ये गलतफ़हमी हो गयी है कि शायद भड़ास पर उनके विरुद्ध लिखा जा रहा है। मित्रों हमारी सारी वैचारिक लड़ाई मीडिया में बैठे उन माफ़ियाओं और गुंडों के खिलाफ़ है जिनके भय के कारण आप जैसे ईमानदार लोग निर्भय होकर पत्रकारिता नहीं कर पाते। ये माफ़िया इस तरह की दहशत का माहौल फैलाए रहते हैं कि सब कुछ बाजारवाद की चपेट में है यदि आपने कलम को तराजू पर लालाजी के फ़ायदे-नुकसान के हिसाब से न लिखा तो आपकी नौकरी जाएगी, आप भूखे मरेंगे, आपके पत्नी बच्चे सड़कों पर भीख मांगेंगे। आप सब अगर इस डर के साथ रह कर ये सपना देख रहे हैं कि एक दिन VOI समूह सबसे बड़ा समाचारप्रदाता समूह बनेगा तो ऐसे दुष्ट माफ़िया आपका सपना पूरा नहीं होने देंगे। आपका भय इनका पोषण करके इन्हें और पुष्ट कर देता है। आप वोइस आफ़ इंडिया यानि भारत की आवाज़ हैं तो किस तरह के भारत की आवाज़.... एक डरे सहमे हुए भारत की मिमियाती हुई आवाज़ या एक निर्भय, निष्पक्ष, निष्ठावान भारत की स्वाभिमान और आत्मसम्मान से भरी बुलंद आवाज़? फैसला आपको करना है यदि भयभीत रहेंगे तो पत्रकारिता बड़ी बात है गुंडे आपको सड़क पर चने भी न बेचने देंगे ये इतने दुष्ट और कपटी हैं। भड़ास हर ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ आवाज़ के साथ है क्योंकि यही हमारी आवाज़ भी है, उनकी आवाज़ जो गूंगे हैं, उस किसान की आवाज़ जो सूखे बंजर खेतों में दम तोड़ रहा है, उस मजदूर की आवाज़ है जो कि कारखानों में पिस रहा है, श्रम से एकत्र करी पूंजी वाले उस हर ईमानदार पूंजी निवेशक की आवाज है जो अपने कर्मचारियों का शोषण नहीं करता, हर दलित-वंचित-शोषित की आवाज़ है भड़ास.... इस आवाज़ को बंद कैसे कर दें??? क्या महज चंद मीडिया में बैठे माफ़िया और गुंडों के कारण जैसे आपने अपनी आवाज़ रोक दी??? हम तो आपकी भी आवाज हैं आप चाहे तो भड़ास आपकी भी आवाज़ बन सकता है इसके लिये भड़ास पर आपको किसी सदस्यता की आवश्यकता नहीं है बल्कि आप सीधे ही इसे ई-मेल प्रकाशन विधि के द्वारा इस पते पर मेल करिये bharhaas.bhadas@blogger.com बस आपकी बात भड़ास तक आ जाएगी और यकीन मानिये कि उसमें हम मात्र व्याकरणीय़ अशुद्धियां ही संपादन करते हैं। सच में बड़ी ताकत होती है ये बात कभी भी समयबाह्य नहीं होगी बस सच को सच और झूठ को झूठ कहने का साहस चाहिये। हमारी शुभेच्छएं आपके साथ हैं कि आप एक दिन भारत की ही नहीं बल्कि सारी दुनिया की आवाज़ बनें।
जय जय भड़ास
VOI ब्लाग चलाने वालों को ये गलतफ़हमी हो गयी है कि शायद भड़ास पर उनके विरुद्ध लिखा जा रहा है। मित्रों हमारी सारी वैचारिक लड़ाई मीडिया में बैठे उन माफ़ियाओं और गुंडों के खिलाफ़ है जिनके भय के कारण आप जैसे ईमानदार लोग निर्भय होकर पत्रकारिता नहीं कर पाते। ये माफ़िया इस तरह की दहशत का माहौल फैलाए रहते हैं कि सब कुछ बाजारवाद की चपेट में है यदि आपने कलम को तराजू पर लालाजी के फ़ायदे-नुकसान के हिसाब से न लिखा तो आपकी नौकरी जाएगी, आप भूखे मरेंगे, आपके पत्नी बच्चे सड़कों पर भीख मांगेंगे। आप सब अगर इस डर के साथ रह कर ये सपना देख रहे हैं कि एक दिन VOI समूह सबसे बड़ा समाचारप्रदाता समूह बनेगा तो ऐसे दुष्ट माफ़िया आपका सपना पूरा नहीं होने देंगे। आपका भय इनका पोषण करके इन्हें और पुष्ट कर देता है। आप वोइस आफ़ इंडिया यानि भारत की आवाज़ हैं तो किस तरह के भारत की आवाज़.... एक डरे सहमे हुए भारत की मिमियाती हुई आवाज़ या एक निर्भय, निष्पक्ष, निष्ठावान भारत की स्वाभिमान और आत्मसम्मान से भरी बुलंद आवाज़? फैसला आपको करना है यदि भयभीत रहेंगे तो पत्रकारिता बड़ी बात है गुंडे आपको सड़क पर चने भी न बेचने देंगे ये इतने दुष्ट और कपटी हैं। भड़ास हर ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ आवाज़ के साथ है क्योंकि यही हमारी आवाज़ भी है, उनकी आवाज़ जो गूंगे हैं, उस किसान की आवाज़ जो सूखे बंजर खेतों में दम तोड़ रहा है, उस मजदूर की आवाज़ है जो कि कारखानों में पिस रहा है, श्रम से एकत्र करी पूंजी वाले उस हर ईमानदार पूंजी निवेशक की आवाज है जो अपने कर्मचारियों का शोषण नहीं करता, हर दलित-वंचित-शोषित की आवाज़ है भड़ास.... इस आवाज़ को बंद कैसे कर दें??? क्या महज चंद मीडिया में बैठे माफ़िया और गुंडों के कारण जैसे आपने अपनी आवाज़ रोक दी??? हम तो आपकी भी आवाज हैं आप चाहे तो भड़ास आपकी भी आवाज़ बन सकता है इसके लिये भड़ास पर आपको किसी सदस्यता की आवश्यकता नहीं है बल्कि आप सीधे ही इसे ई-मेल प्रकाशन विधि के द्वारा इस पते पर मेल करिये bharhaas.bhadas@blogger.com बस आपकी बात भड़ास तक आ जाएगी और यकीन मानिये कि उसमें हम मात्र व्याकरणीय़ अशुद्धियां ही संपादन करते हैं। सच में बड़ी ताकत होती है ये बात कभी भी समयबाह्य नहीं होगी बस सच को सच और झूठ को झूठ कहने का साहस चाहिये। हमारी शुभेच्छएं आपके साथ हैं कि आप एक दिन भारत की ही नहीं बल्कि सारी दुनिया की आवाज़ बनें।
4 टिप्पणियाँ:
आप लोग अभी भी ये समझते हैं कि विवाद अपने आप हो जाते हैं, अर मेरे समझदार मासूम भाईयों ये तो जानबूझ कर राक्षसों द्वारा कराया जाता है आप खुद देख लीजिये कोई न कोई जैन इस पूरे प्रकरण में गहराई से लिप्त होगा।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
अनोप मंडल जी आपकी बात में दम है भले ही ये संयोग वश हो लेकिन इस पूरे प्रकरण में जैन ही जैन लिप्त हैं क्योंकि पूरा जैन टीवी ही इसमें लगा है
जय जय भड़ास
sriman ,
anoop mandal ji aap theek hi likh rahe hai .jara vishtaar purvak mai udharan likhne ki jaroorat hai. aap is kaam ko ek nispaksh itihaskaar ki tarah likh sakte hai aur aap ko is kaary ko shighr seshighr poora karna chahiyejismein main vyaktigat roop se aap ka aabhaari rahoon aap ki lekhni mein talwar se bhi jyada dhar hai .
suman
loksangharsha
अरे डॉक्टर साहब क्यूँ परेशां हो रहे हैं अभी अभी बेचारे धोखा खा कर आये हैं तो थोडा तो बोलने का हक बनता ही है..और कर भी क्या सकते हैं बाजारवाद जो है अर्थयुग में ऐसा ही होगा मेरे एक अज्ञानी दोस्त अक्सर बोलते हैं अर्थयुग है 'गधो कमाए और कुत्तो खाए' तो यही हाल इन खबरिया चैनलों का भी है....हम लाख प्रयास कर लें लेकिन हमपर विश्वास कोई क्यूँ करे आखिर सच बोलने वाले पर भी कोई विश्वास करता है...
आपका हमवतन भाई गुफरान..अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद.
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