आक्रामकता लानी होगी....

रविवार, 9 अगस्त 2009

भड़ास पर क्या अब सामाजिक मुद्दों के लिए भी जगह बची है डॉक्टर साहब भाई ये भी खूब है दो जैन पंथ मिलकर एक दुसरे को आइना दिखा रहे हैं हो सकता है इस बह्स का कोई सार्थक अंत हो जो दिख नहीं रहा है लेकिन जब रुपेश भाई साहब इस बह्स को इतना वज़न दे रहें हैं तो कोई तो बात होगी ही.चलिए हम कोई और बात करते हैं हाँ याद आया भाई अख़बारों के माध्यम से पता चला की बांग्लादेश को आजाद करने के बाद चाहे अपने देश में कुछ लोगों ने हिंदुस्तान की जय जेकर न की हो लेकिन पाकिस्तान में एक जगह ऐसी है जहाँ पर ज़रूर हिदोस्तान जिंदाबाद के नारे लगे अब सवाल उठता है क्यों भाई ऐसा क्या हुवा वहां जी मई बात कर रहा हूँ बलूचिस्तान की जिसको पाकिस्तान बन्ने से पहले ही आजाद कर दिया गया था लेकिन पाकिस्तान ने वहां अपना कब्ज़ा जामा लिया.लेकिन बलूची आज भी अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर जिस तरह से दबाव बनता आया है अगर हम उसकी इस दुख्तिरत पर हंट रख देते तो आज वो लम्बा हो चूका होता लेकिन हम तो भाई दूसरो के मामले में दखल ही नहीं देते अब चाहे चीन या पाकिस्तान और अब तो नेपाल भी हमारी सीमाओं को अपनी बताने में लगा हुवा है.....अब ज़रूरी है की हमारी विदेश नीतियों में कुछ आक्रामकता आनी चाहिए और जैसे को तैसा वाला व्यवहार भी अपना लेना चाहिए......

आपका हमवतन भाई ....गुफरान...अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद...

1 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

साथी भडासी और मित्रों,
धर्म कर्म, पोंगे पाखण्ड से हट कर हमारे देश में आमलोगों के लिए बहुत से मुद्दे हैं,
क्या हम सब मिल कर अपनी सम्मिलित ऊर्जा का प्रयोग अपने वतन के लिए करेंगे ?

आस्था पर प्रश्न ना उठायें.

जय जय भड़ास

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