भड़ास पर टिप्पणी नियंत्रण आप जैसे महान लोगों की देन है।
शनिवार, 12 सितंबर 2009
सुरेश चिपलूणकर और उसके जैसे तमाम लोग जो कि ये सोचते हैं कि भड़ास पर टिप्पणियों का नियंत्रण करके संचालक पाप कर रहे हैं तो जरा इन भले बेनामी(वो लोग जिनके माता-पिता ने तो नाम रखा होता है लेकिन बताने में झिझकते हैं कि कहीं इससे कोई उनके बाप के नाम को न पूछ ले कि बेटा हरामी तो नहीं हो कहीं.....) जो टिप्पणियां लिख रहे हो तुम्हारे सामने रख रहा हूं ताकि अगर भड़ास पर सीधे लिख पाने का साहस जुटा सको तो जरूर लिखो। इनमें जो भी गालियां मेरी और भाई रजनीश झा की मां बहन को दी गयी है उन्हें सामने देख कर तुम्हारी आत्मा को शान्ति मिलेगी। मैंने आज तक जब भी किसी की आलोचना या भर्त्सना करी है व्यक्ति की करी है उसके कुकर्म के लिये मां बहन को क्यों निशाना बनाऊं, ये है भड़ास जो कि तुम जैसे कथित "लौह लिंगधारी मर्दों" की तरह नहीं है। ये बात सिर्फ़ टिप्पणियों के लिये संदर्भित है। आगे तुम सबकी हर बात का उत्तर देने जा रहा हूं। सुरेश जैसे लोग जो कि ये सोचते हैं कि वो देश के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो उनके लिये मेरे पास दवा है जो कि इन जैसे स्वयंभू पौरुषवानों के लिये उचित उपचार है। मुझे या भड़ास के दर्शन को "सेक्युलर" कह कर उपहास कर रहे हैं तो ये बस उनके लिये है जो कि न तो संविधान की समझ रखते हैं और न ही देश की बेहतरी के लिये कोई सुझाव दे सकते हैं।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
सुरेश चिपलूणकर और उसके जैसे तमाम लोग जो कि ये सोचते हैं कि भड़ास पर टिप्पणियों का नियंत्रण करके संचालक पाप कर रहे हैं तो जरा इन भले बेनामी(वो लोग जिनके माता-पिता ने तो नाम रखा होता है लेकिन बताने में झिझकते हैं कि कहीं इससे कोई उनके बाप के नाम को न पूछ ले कि बेटा हरामी तो नहीं हो कहीं.....)nice
anyone who does not have the guts to own up to his/her comments shudnt have the right to express them. i totally agree with your comment moderation rules.
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