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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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4 टिप्पणियाँ:
अमित भाई ये मिर्ची इस बंदे को मुंह में लगी है या किसी और जगह? प्रतिक्रिया कुछ मिलीजुली सी दिख रही है। पिछवाडे मिर्ची लगने पर भी ऐसा ही होता है जब भड़ास की आत्मा चुरा कर हम ले आए थे तो यशवंत सिंह का यही हाल हुआ था
जय जय भड़ास
गुरुदेव,
नि:संदेह ये यशवंत ही है, अगर नहीं तो उसका हमशकल होगा, आज भी भड़ास blog को बेचने का उसका धंधा जारी है,
इसका इलाज डाक्टर रुपेश श्रीवास्तव से बेहतर और कोई बता ही नहीं सकता है.
जय जय भड़ास
भाई एक बात तो है कि यशवंत सिंह ने भड़ास को बाजारू बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और जब भड़ास की आत्मा के साथ इस बनिए ने इतना बलात्कार करा कि वह मरणासन्न हो गयी और आप जैसे रक्षकों को उस बहुरूपिये ने धोखे से हटा दिया था तो आप उस आत्मा को चुरा लाए। अब वो उस पंखों वाले ब्लाग के मरे शरीर में तेल-नोन लगा कर ममी बना कर धंधा कर रहा है और अधिकांश लोगों को पता ही नहीं कि दर असल क्या हुआ है। अब इसे मिर्ची लगे या मसाला हमने तो अपना धर्म निभाया है.... भड़ासी होने का धर्म
जय जय भड़ास
जय जय हो भड़ास
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