कहीं भारत सरकार "राष्ट्र दामाद" अजमल कसाब के सत्कार में कमी तो नहीं रख रही?
बुधवार, 4 नवंबर 2009
परम आदरणीय "राष्ट्र दामाद" अजमल कसाब जी को भारत आए हुए लगभग एक साल पूरा होने को आया है। जैसा कि हमारे देश की परंपरा है कि हम अतिथि सत्कार में कोई कमी नहीं रखते सो हम पिछले साल भर से कर रहे हैं। मीडिया भले ही "राष्ट्र दामाद" अजमल कसाब जी को बीच में कुछ समय के लिये भूल गया था लेकिन हमने बराबर इस बात पर नजर रखी कि उन्हें रमज़ान के दौरान रोज़े रखने पर सेहरी और किस्म के हथियार खरीद सकेंगे। हमें तो "जीजाजी" की बड़ी चिन्ता रहती है कि उन्हें कोई परेशानी न हो। तकलीफ़ होती है इन कमीने मीडिया वालों से जो बताते नहीं हैं कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है, बीच-बीच में राखी सावंत और बिग बास की खबरें देने लगते हैं। चिन्ता इस बात की है कि अभी ईदुज्जुहा(बकरीद) आने वाली है "जीजाजी" अजमल कसाब को भी ईद मनानी होगी इसके लिये पता नहीं वे बकरा जिबह करेंगे या अपने किसी प्रिय भारतीय साले-साली या सास-ससुर को अल्ला की राह में कुर्बान करेंगे। भारत सरकार से निवेदन है किइफ़्तारी पर सही समय पर सब कुछ मिल सके। इसके लिये हमने जेल के नियमों तक में संशोधन कर लिया आखिर बात "राष्ट्र दामाद" की है, उनके लिए तो सब कुछ बदला जा सकता है इतने महान जो ठहरे। मुंबई जैसी भीड़ भरी जगह से कुछ धरती के बोझ किस्म के लोगों का वध करके उन्होंने अत्यंत पुण्य का कार्य करा है। इसके बाद उन्होंने ईद भी मनायी होगी शायद भारत सरकार ने उन्हें ईदी दी होगी जिससे कि अच्छी वह इस बात के बारे में अपने "राष्ट्र दामाद" अजमल कसाब जी से पूछ ले कि वे ईदुज्जुहा(बकरीद) कैसे मनाना चाहेंगे।
जय जय भड़ास
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