भारत को कूड़ा घर बनाया

बुधवार, 2 दिसंबर 2009

ब्रिटिश साम्राज्यवादियों ने भारत को कूड़ा घर बनाया। साम्राज्यवादी देशों ने सोमालिया में अपने वहां का कूड़ा डालना शुरू कर दिया जिससे पूरे देश में संक्रामक बीमारियाँ फ़ैल गयीं, जिससे काफ़ी लोग मरे। जैव विविधता भी नष्ट हो गई , पूरे देश में भुखमरी की स्तिथि में आज वहां के लोग समुद्री डाकू बन गए हैं।

उसी तरह लन्दन म्यूनिसिपिल कार्पोरेशन का उन्नीस कंटेनर कूड़ा दिल्ली के निकट दादरी में पकड़ा गया है । विकसित देश अपने यहाँ के इलेक्ट्रोनिक कचरे से लेकर अन्य कचरों को भारत में भेजकर इस देश को कूड़ा घर बना देना चाहते हैं और इस देश को सोमालिया जैसा कर देना चाहते हैं।

आज जरूरत इस बात की है कि साम्राज्यवादी शक्तियों का कदम कदम पर अगर मुंहतोड़ जवाब नही दिया जाएगा तो यह लोग अपने शैतानी हरकतों से हमारे देश को बरबाद कर देंगे ।


सुमन
loksangharsha.blogspot.com

1 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

भाईसाहब ये लंदन का कचरा किसने भेजा था, किसको भेजा था किस उद्देश्य से भेजा था आदि आदि की जानकारी के लिये हमारे महान संविधान पर आस्था रखते हुए सूचना प्राप्ति के अधिकार के तहत जान लीजिये फिर कानूनी लड़ाई लड़िये ताकि इस मामले पर एक आयोग बना दिया जाए जो कि करीब पच्चीस साल बाद अपनी रिपोर्ट देगा उसके बाद संसद में उस पर बहस होगी कि उसे स्वीकारा जाए अथवा नहीं.........
इसमें अनुमानतः तीस-पैंतीस साल तो बीत जाएंगे। हमारा देश है गंदगी कौन साफ करेगा? यदि हम जिन लोगों को जाति-धर्म-क्षेत्र-भाषा के आधार पर अपना प्रतिनिधि चुन कर संसद तक भेजते हैं वे नहीं करते सफ़ाई तो हमें ही झाड़ू उठानी पड़ेगी। पेलिये सबको और आतंकवादी का लेबल चिपकवा कर शहीद हो लीजिये
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP