मोबाइल बंद....... कभी टाटा और कभी एल जी वाले नचा रहे हैं

मंगलवार, 8 दिसंबर 2009

जब हर हाथ में मोबाइल की आदत हो जाए यानि कि खाने वाले हाथ में भी और धोने वाले हाथ में भी तो ऐसे में मोबाइल बंद हो जाए तो लगता है कि आप चंद्रमा पर आ गये हैं और आसपास कोई है ही नहीं जो आपकी बजा सके(घंटी... यार जब भी सोचोगे दादा कोंडके के वैचारिक स्तर पर ही सोचोगे)।
कल शाम छह बजे से चमत्कारिक रूप से चार साल पुराने मोबाइल पर एक संदेश दिखने लगा contact service provider और सारी दुकान बंद.......। अब क्या करें?? भागते दौड़ते पनवेल से तुर्भे पहुंचे तो तब तक कष्टकर के मर जाने वाले कस्टमर की सेवा करने वाला टाटा का केंद्र बंद हो चुका था। सुबह का इंतजार करा और पनवेल में ही टाटा गैलरी में जा धमके तो उन्होंने एल जी के सर्विस सेंटर का रास्ता ये कह कर दिखा दिया कि हैंडसेट की समस्या है हमारी तरफ़ से सब स्वस्थ है। एल जी वाले के पास पहुंचने पर वहां बैठी सुंदरी ने अन्यमनस्क से होकर कहा कि आप पढ़े लिखे दिखते हैं और देख सकते हैं कि आपको सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करने का संदेश आ रहा है फिर हमारे पास क्यों आ गये? शूर्पनखा की तरह फिर टाटा हब में पहुंचे तो वहां मौजूद बिटिया ने तो बस कुचुर-कुचुर करके बाहर का रास्ता ही दिखाना चाहा, मेरे कहने पर कि आप यदि चाहें तो अपने किसी सीनियर से बात करलें या यहां कोई आपका मैनेजर हो तो उससे सलाह ले लीजिये। छोरी थी कि किसी भी तरह से मानने को तैयार ही न थी फिर जब बहुत हो गयी तो भीतर का भड़ासी अंगड़ाई लेकर बाहर आ गया। अबे चूतिया समझ के रखा है साला..... तीन घंटे से इधर उधर नचा रहे हैं और अब ये छोकरी कहती है कि हमारी तरफ़ से कोई समस्या नहीं है......... ले तेरी की... दे तेरी की...... भड़...भड़...भड़ा....भड़ा... भड़ास....।
कांच के केबिन से एक बंदा बाहर आता है और कहता है कि क्या प्राब्लम है तुम्हारा......??? अरे एक तो भेजा फिरा हुआ है और ऊपर से "तुम" कह कर बात कर रहा है तो तुरंत उसकी ले ली कि पहले आप कहने की आदत डालो फिर ग्राहक से बात करो। पट्ठा बोलता है कि आपके पास टाटा का सिम वाला दूसरा मोबाइल हो तो उसमें ये नंबर ट्रांस्फ़र कर दूं। लो स्स्साला...... अब दूसरा मोबाइल कहां से लाएं??
कुल मिला कर पूरे दिन की मैय्यो हो गयी और मोबाइल बंद है। एक धनवान, विद्वान, मित्र ने सलाह दी है कि भाई हम आपको दूसरा मोबाइल लेकर दे देते हैं चार साल तक इसकी बजाई मन नहीं भरा आपका?अब देखिये क्या होता है??? तब तक आप मेरी नहीं बजा पाएंगे।
क्षमा करें दिमाग घूमा हुआ है इसलिये कई जगह "घंटी" लिखना भूल गया सिर्फ़ बजाना लिख दिया है मेहरबानी करके सुधार कर पढ़ियेगा।
जय जय भड़ास

1 टिप्पणियाँ:

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

अच्‍छी बजाते हो
बिना बटन के
अच्‍छा टनटनाते हो
ऐसी प्रॉबलम न आती
तो हम मिल जाते
मैसेज आपका तो मिला
पर मेरा क्‍या रहा अनमिला
खैर ...
मिलन का चलता रहेगा
अब यारां सिलसिला
यारा सिली सिली ओ यारा ...

जय भड़ास जय जय भड़ास

भड़ास में भी छिपी है समाज सुधार की बेहतर आस।

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