लो क सं घ र्ष !: सरकार के हत्यारे
सोमवार, 11 जनवरी 2010
बम्बई पुलिस के तेज तर्रार एन्काउन्टर विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार कर लिए गए हैं । 100 से अधिक मुठभेड़ में लोगों की हत्या कर चुके एन्काउन्टर स्पेशलिस्ट को राम नारायण उर्फ़ लखन भैया के हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है । राम नारायण उर्फ़ लखन भैया की हत्या एनकाउन्टर स्पेशलिस्ट ने एक मुठभेड़ में कर दी थी। यह खेल लगभग तीस वर्ष पूर्व पूरे देश में शुरू हुआ था अपराधियों ने पुलिस को अपने पक्ष में कर अपने विरोधी की हत्या एन्काउन्टर के नाम पर करनी शुरू कर दी। खेल जारी रहता लेकिन बम्बई के दया नायक की गिरफ्तारी के बाद व जगह-जगह निर्दोषों को पकड़ कर उनकी हत्या करने के मामलों में सैकड़ों पुलिस कर्मचारियों को अदालतों ने आजीवन कारावास की सजा भी दी। जिससे इस कार्य में शिथिलता आनी शुरू हो गयी। उत्तर प्रदेश में लोगो ने अपनी रंजिश को समाप्त करने के लिए पुलिस से मिलकर तमाम सारी हत्याएं करवा डाली। इस तरह से ये सरकारी हत्यारे जनता के पैसे से नौकरी भी करते थे और हत्या भी करने का कार्य करते रहते थे । आउट ऑफ़ टर्न प्रोमोशन प्राप्त करने के लिए पुलिस ने देश में नवजवानों की हत्याएं कभी आतंकवाद के नाम पर कभी शातिर अपराधी के नाम पर कर दी हैं। कार्यपालिका का ही विधि विधान में विश्वास नहीं रहेगा तो कैसे इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था चलेगी ।
एन्काउन्टर में पहले जिस व्यक्ति की हत्या करनी होती है उसको पकड़ कर किसी अज्ञात जगह पर रखा जाता है फिर उसके पश्चात पुलिस के उच्च अधिकारियों को विश्वास में लेकर उसकी हत्या किसी सूनसान जगह पर ले जाकर कर दी जाती है । मीडिया को भी विश्वास में ले लिया जाता है। वह अखबारों व टेलीविज़न चैनलों पर पुलिस द्वारा बताये गए किस्से कहानियों को बढ़ा चढ़ा कर जनता के बीच में पेश कर हत्या को मुठभेड़ साबित करने का कार्य करती है ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
1 टिप्पणियाँ:
सरकार के हत्यारे के स्थान पर "सरकारी हत्यारे" उचित प्रतीत हो रहा है
जय जय भड़ास
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