क्या होगा यदि अंबानी और शाहरुख खान मुंबई से खुद को अलग कर लें?

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010

पता नहीं कि हमारे देश के सामाजिक समीकरण क्या हैं कि आदमी अपनी रोजी-रोटी को भी दांव पर लगा कर किसी का पिछलग्गू बन कर सही गलत का विचार करे जान देने पर भी अमादा हो जाता है। मुंबई में बाल ठाकरे कभी हिंदुओं के नेता बन कर बकैती करता है उसका अखबार मुसलमानों के लिये अपमानजनक भाषा लिखता है और कभी मराठी का बाजा बजाने लगता है। जबकि शिवसेना में न जाने कितने मुस्लिम हैं न जाने कितने गैर मराठी भाषी हैं। इसको क्या लगता है कि यदि शाहरुख खान जैसे लोग स्वयं ये कह दें कि उनकी फिल्म मुंबई छोड़ सारे विश्व में दिखाई जाएगी तो शाहरुख के प्रशंसक मुंबई से बाहर जाकर फिल्म नहीं देखेंगे या बाहर से डीवीडी लाकर देखना बंद कर देंगे या फिर मुंबई में बनने वाली हिंदी फिल्मों में शाहरुख की जगह लोग बाल ठाकरे को देखना पसंद करने लगेंगे। यदि अंबानी अपने कारोबार को किसी दूसरे राज्य में स्थानान्तरित कर दें तो क्या बाल ठाकरे मराठी बोलने वालों को रोजगार देगा? ऐसा ही एक चूतियापा नैनो कार वाले प्रकरण में हो चुका है कि बंगाल में न लगाने दिया तो गुजरात में प्लांट लग गया इससे किसको लाभ हुआ और किसको हानि ये तो अब जाकर कोई उनसे पूछे जिन्होंने इस मामले में जान तक देने की ठान ली थी क्या अब वे हीरे-मोती की फसल काट रहे हैं अपने नेता के साथ मिल कर और मालपुए खा रहे हैं? यदि कोई भी आर्थिक शक्ति को राजनीति से अलग करने की बात कर रहा है तो वह जनता का दुश्मन है।
जय जय भड़ास

2 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

गुरुदेव राजनीति के गधे पर स्वर चूतिये नेता अपनी फसल देश के चूतिये आम लोगों से ही तो कटते हैं.
बस आम का चुतियापा ही है जो ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा .
जय जय भड़ास

Unknown ने कहा…

भाई साहब यदि शब्दों का चयन भी मर्यदानुरूप हो तो अतिउत्तम होता

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP