डीम्ड यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर केन्द्र को सुप्रीम कोर्ट की हिदायत
शुक्रवार, 12 मार्च 2010
एक और बात है तो लगे हाथ वो भी चल ही जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने डीम्ड यूनिवर्सिटी मामले पर कड़ा( हा...हा...हा) रुख अपनाते हुए सोमवार को केन्द्र सरकार को टंडन समिति और टास्क फ़ोर्स की सिफ़ारिशों को इंटरनेट पर जारी करने का निर्देश दिया है(देश के हर नागरिक पर कानून लागू होता है तो सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि इंटरनेट देश के हर नागरिक की पहुंच में है, खुद को भ्रमित दिखाते रहने से कानून-कबड्डी आसान हो जाती है)। इन्ही सिफ़ारिशों के आधार पर ४४ डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता समाप्त करने का फैसला करा गया था। बेंच ने यह निर्देश भी दिया कि यथास्थिति क आदेश तेरह अप्रेल तक कायम रहेगा। वहीं, यह बेंच यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता खत्म करने संबंधी सरकार के फैसले की वैधता( हा....हा....हा.... सरकार के फैसले भी यानि कि अवैध हो सकते हैं हमारे देश में ये संभावना भी है तो पहले सरकार फैसला देगी बाद में उसके वैध या अवैध होने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट करेगा...... हा...हा...हा..... हँसी रुक ही नहीं रही है लेकिन फिर भी आगे लिखता हूं) की जाँच करने पर भी राज़ी हो गयी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोर्ट को इस बात से पूरी तरह अवगत करा दिया है कि उसने आवश्यक मानकों को पूरा कर पाने में नाकाम रही ४४ यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता खत्म करने का फैसला करने से पहले एक सौ तीस यूनिवर्सिटीज़ को अपने अकादमिक प्रदर्शन का ब्योरा देने के लिये पर्याप्त समय दिया था।
जय जय भड़ास
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