क्या और क्यों है भड़ास एट मीडिया?
शुक्रवार, 26 मार्च 2010
विचार था कि मीडिया सबकी बुराइयां बताता है, सबके घरों और निजी जिंदगियों कें ताकझांक करके खामियां निकालता है लेकिन कोई तो हो जो कि मीडिया की बुराइयां और कमियां जगजाहिर कर सके। दिल दिमाग में अटकी हुई बातों को बाहर निकाल कर दिल हल्का कर लेने के विचार से भड़ास नामक हिंदी के एक कम्यूनिटी ब्लॉग का जन्म हुआ,चूंकि चिकित्सा विज्ञान भी विचार-रेचन यानि कैथार्सिस की उपयोगिता जान चुका है कि किस तरह मन की कुंठाओं को बाहर निकाल पाने से न सिर्फ़ व्यक्ति आरोग्य को प्राप्त होता है बल्कि रचनात्मक भी हो जाता है । भड़ास के प्रयोग ने एक अत्यंत विशिष्ट रचनात्मक आग्नेय विचार दर्शन उपजाया । अभी कुछ समय पहले एक शुद्ध व्यवसायिक बुद्धि रखने वाले व्यक्ति ने इसी दर्शन का धनादोहन करने के लिये एक मीडिया न्यूज़ पोर्टल बनाया और खासी ख्याति हासिल कर ली। लेकिन जैसा कि नाम से ही साफ़ है जैसेकि Oil For Massage यानि कि मालिश के लिये तेल ठीक इसी तर्ज पर मीडिया के लिये भड़ास यानि कि भड़ास फ़ॉर मीडिया ।
जय जय भड़ास
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