लो क सं घ र्ष !: बर्बरता की हद
शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010
आज जिला एवं सत्र न्यायधीश के परिसर में राम मिलन नामक युवक ने अपनी 22 वर्षीय पत्नी मधु की नाक दांत से काट कर अलग कर दी। बुद्धजीवी तबके के लोगों ने राम मिलन को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। पुलिस पहुंची तो उसने वाद में गंभीरता लाने के लिए एक चाक़ू की फर्जी बरामदगी कर दी। पति-पत्नी का वाद न्यायलय में विचाराधीन है। पुरुषवादी मानसिकता के तहत राम मिलन ने दसवीं सदी के अपराध को कर डाला वहीँ बुद्धजीवी कहे जाने वाले तबके ने उसी सोच के तहत राम मिलन को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया और पुलिस जैसा प्रत्येक मामले में वह करने की आदि है, मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर एक नए वाद की तैयारी शुरू कर दी है।
सभ्य एवं लोकतांत्रिक समाज में तीनो पक्षों की हरकतें न तो नैतिक हैं और न ही विधिक हैं। इस तरह से आये दिन कुछ न कुछ होता रहता है जो बर्बरता की हद को पार कर रहा है। इन सब कृत्यों की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
2 टिप्पणियाँ:
भाईसाहब आपने सही कहा कि जो हो रहा है वह न तो लोकतांत्रिक है और न ही सभ्य समाज में स्वीकार्य। समाज के तीनो पक्ष जिन तत्वों से प्रभावित हो कर इस स्थिति में आ गये हैं उन्हें तलाश कर दूर करना होगा अन्यथा समाज अधिक बर्बरता की ओर बढ़ता जाएगा।
जय जय भड़ास
निंदनीय है,
सभी के लिए और समाज के लिए एक घृणित उदाहरण.
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