शरद पवार महाराष्ट्र में मुसलमानों को "मकान आरक्षण" का नया लॉलीपॉप चुसवाएगा
गुरुवार, 15 अप्रैल 2010
इस देश में जिसे देखो अपने आपको दलित, कमजोर, दोयम बता कर येन-केन-प्रकारेण सरकारी आरक्षण का लाभ लेने के लिये उठापटक करने पर आमादा है। कभी जाति, कभी धर्म और कभी कोई अन्य कारण बन जाता है सरकारी कोटा हासिल करने की सीढ़ी। अब कांग्रेस से निकल कर प्रधानमंत्री बनने का सपना पाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मुम्बई में मुसलमानों को एक नया झुनझुना पकड़ाने का विचार बनाया है। चूतिये हैं वो लोग जो कि मानते हैं कि वे धर्म के आधार पर आरक्षण पाकर किसी ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं, अबे ढक्कनों ! यही तो साजिश है तुम्हें आरक्षण का चट्टू चटा कर गड़िया बनाने की, खुद सोचो कि जिस देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मुसलमान रह चुका हो वहाँ क्या उन्हें हाउसिंग सोसायटीज़ में आरक्षण कोटे की आवश्यकता है? ये मात्र एक ऐसा तुरुप का पत्ता है जिसे तुम न तब समझ पाए जब इस विभाजन के समय जिन्ना ने चला था और न अब समझते हो जो शरद पवार जैसे मुँह और दिल दोनो के टेढ़े लोग चलते हैं, इन्हें बस तुम पर शासन करना है किसी भी तरह। ये जताते ये हैं कि तुम्हारे सबसे बड़े हितैषी हैं लेकिन इनसे बड़ा तुम्हारा दुश्मन कोई नहीं जिन्होंने तुम्हारी मानसिकता को दोयम दर्ज़े पर धकेलने के समीकरण को हमेशा पुष्ट करा है। जरूरत है इन षडयंत्रकारियों से सावधान रहने की और देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को समझ कर आगे बढ़ने बढ़ाने के लिये योग्य नेतृत्व की।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
बिल्कुल सही लिखा है डा साहब आप ने
पवार जी गन्ना चुस्वाने से पहले मना कर चुके हैं, मधुमेंह के एक और कारण को स्वीकृत करेंगे क्या?
जय जय भड़ास
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