जैन देवता की गंदी तस्वीर
मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
यार आप लोग हिंदू-मुस्लमान-जैन-ईसाई करके गंदगी फैला रहे हो मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन बलाग पर घूमते हुए ही एक तस्वीर हाथ आयी है उसे देख कर आप सब बता दें कि कितने लोगों को ये तस्वीर मन में श्रद्धा पैदा कर रही है?मैं आप सबके धर्मों के परति आस्थाबान हो सकता हुं लेकिन दिल दिमाग माने तब तो ये हो सकता है। मुसलमान तो तस्वीर बनाते ही नहीं अपने भगवान या अल्लाह की लेकिन यदि कोई m f hussain सीता या सरस्वती की नंगी फोटो बनाता है तो सच मानिये दिल नहीं मानता कि वे देवी है ये मेरे मन का पाप हो सकता है क्योंकि मैं एक अत्यंत साधारण आदमी हुं।
इस जगह आप वह धार्मिक तस्वीर को देख सकते हैं(हो सकता है कि ये किसी की बदतमीजी हो कि कम्प्यूटर से बनाया हो तो हमारा फ़र्ज है कि जैन भाइयों को बता दें कि आपके भगवान का गंदा चित्र बनाया गया है ताकि आप उसके खिलाफ़ कार्यवाही करा सकें जहां ये छ्पा है।
5 टिप्पणियाँ:
मुझे तो ये फोटो किसी कम्प्यूटर कलाकार का कमीनापन लग रहा है। लेकिन अगर ऐसा कहीं सचमुच में मूर्ति है तो दिमागी दिवालियापन है।
जय जय भड़ास
haan ye hai to kisi ka kamina pan hi, logo me sharm to reh hi nahi gayi...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
हो सकता है कि यह किसी शिवाम्बु चिकित्सा के पक्षधर ने बनाया हो। मैंने तमाम लोगों को मूत्र चिकित्सा प्रयोग करते देखा है जिससे उन्होंने कठिन रोंगों से छुटकारा भी पाया है। शायद जैन परंपरा भी इसे मानती हो, हिंदुओं के एक वर्ग में तो यह सहज स्वीकार्य है जो कि भगवान शिव को मानते हैं, यह चिकित्सा डामर तंत्र नामक ग्रन्थ के शिवाम्बु कल्प में मैंने अपने डॉ.रूपेश श्रीवास्तव के घर पर पढ़ा है। शेष आप लोग जानें मुझे इसमें कुछ अश्लील नहीं लगा बल्कि ये एक प्रतीक सा जान पड़ा.....
जय जय भड़ास
जिस ने भी इस फोटो को कंप्यूटर ट्रिक से बनाया है , उस का भगवान ही मालिक है , मानसिक रूप से दिवालिया को हम क्या कहेगे
क्या कहें यार ये वो चूतिये किस्म के लोग हैं जो हैं तो स्वभाव से बंदर लेकिन उनके हाथ उस्तरा लग जाए तो साले खुद को भी जख्मी कर लेते हैं और दूसरों को भी, कम्प्यूटर हाथ में आया नहीं कि इनकी खुराफ़ातें चालू हो जाती हैं। लेकिन मुनव्वर आपा की बात से मैं भी सहमत हूँ जो उन्होंने शिवाम्बु चिकित्सा की बात कही है
जय जय भड़ास
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