बहुरंगी भारतीय सभ्यता में रंगबिरंगा आतंकवाद : लाल , भगवा , हरा........

सोमवार, 31 मई 2010

हमें गर्व है कि हम एक बहुरंगी सभ्यता के देश में रह रहे हैं। यहां का राष्ट्र ध्वज भी इसी "रंगीन" सोच के चलते तिरंगा चुना गया है जिसमें जिन रंगों की सबने अपने अपने हिसाब से व्याख्या करी है। कोई सफ़ेद रंग को शान्ति का प्रतीक बता रहा है और कोई क्रिश्चियनिटी से जोड़ कर देखता है, किसी को हरा रंग हरियाली,खेती-बाड़ी का प्रतीक दिखता है और किसी को यही रंग मुसलमानों से जुड़ा नजर आता है। भगवा रंग लोगों को नारंगी सा लगता है और नारंगी रंग के लिये नागपुर के संतरे इस रंग से जोड़ दिये जाते हैं ये बात भी है कि भगवा-भगवा की हुक्का-हुआ करने वालों का मुख्यालय भी नागपुर में ही है।
हमें सचमुच गर्व होना चाहिये कि हमारी सभ्यता में कितनी गहरी रंगीनी है कि आतंकवाद में भी ये साफ़ दिख रही है। साम्यवाद में माओ की सोच का सुर्ख लाल रंग, मुस्लिम आतंक का हरा रंग और ईसाई मिशनरी को जीवित जला देने वालों के आतंक का भगवा रंग। सच मानिये हमें अपनी इस रंग बिरंगी बहुरंगी सभ्यता पर दिल,दिमाग,आंत,किडनी,लीवर,फेफड़े...... हर पुर्ज़े से गर्व हो रहा है। आप भी करें इस बहुरंगत पर गर्व, गर्व से कहो हम.......... हैं।
जय जय भड़ास

1 टिप्पणियाँ:

दीनबन्धु ने कहा…

बेहतरीन रंग भरी पोस्ट है भड़ास पर ही ये रंग दिख सकता है
जय जय भड़ास

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