न मैं वामपंथी हूँ, न दक्षिणपंथी हूँ और पोंगापंथ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है
बुधवार, 2 जून 2010
मित्र मैं साम्यवादी विचारधारा का हूँ और उस विचारधारा के कारण मैं अपने जीवन में गर्वान्वित महसूस करता हूँ। श्री अमित जैन व अनोप मंडल के विवाद में श्री अमित जैन ने जो दो-एक पोस्टें प्रकाशित की थी या चुटकुले लिखे थे वह अच्छे विचार विमर्श की दिशा में नहीं थे। राक्षस सुर और असुर की कहानियो में मेरा जरा सा भी विश्वास नहीं है। भूत-प्रेत, जादू-टोना अब गुजरे हुए ज़माने की बात है। इनमें मेरा कभी यकीन नहीं रहा है। यह शरीर बॉयोलोजिकल संरचना है जो कभी भी बिखर सकती है। इसमें दोष उत्पन्न हो सकता है मेरा साथ भी यही हुआ। मेरे हार्ट अटैक में अगर कोई जिम्मेदारी सबसे पहले बनती है तो मेरी है कि मधुमेह का मैंने समुचित इलाज नहीं कराया जिसके कारण हार्ट ब्लाक कर गया था और पेस मेकर लगवाना पड़ा था। जो भैया जी अनोप मंडल के लेखन पर ज्यादा आपत्ति उठा रहे हैं उनकी जानकारी के लिए लिख रहा हूँ कि किसी भी चिट्ठाकार को उत्तेजित न करें। हर आदमी का अलग अलग मानसिक स्तर होता है। डॉक्टर रुपेश श्रीवास्तव से जो मेरी बात हुई थी वह मात्र इतनी है की अनोप मंडल साहब राजस्थान में सामाजिक कार्यो में सक्रिय हैं और उससे समाज का एक हिस्सा लाभान्वित हो रहा है। हर समझदार आदमी के लिए आवश्यक है कि बगैर किसी उत्तेजना के आदमी के उद्देश्य को समझना चाहिए तभी अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए। बाराबंकी जनपद में अपने जैन मित्रों के साथ मेरा यह विमर्श हुआ था कि अगर असली देशी घी के साथ नकली देशी घी बिक रहा है और एक ही दुकान से जनता को दोनों चीजें सप्लाई हो रही है तो इसमें धर्म आड़े नहीं आता है तो बताया की buisseness tact is buisseness tact जिसका अर्थ है की मुनाफे के लिए सबकुछ जायज है और आप लोग क्या ऐसा महसूस नहीं करते हैं।
मैं किसी को भी पशुवत्व नहीं मान रहा हूँ लेकिन अगर उसने कमर कस ली है कि सुमन एडवोकेट की ऐसी की तैसी कर देनी है तो भैया स्वागत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है । शायद बचाव का रास्ता मिल जाए। अन्यथा दो छेंद अतिरिक्त हो जायेंगे।
अंत में हमारा कोई भी प्रयास किसी की छवि को बिगाड़ने का नहीं है। भड़ास मंच का उपयोग मैं अपनी बात रखने के लिए करता हूँ। आप सभी लोगों का सहयोग मिला है, मिलता रहेगा। nice मैं बुखार की दवा के लिए नहीं इस्तेमाल करता हूँ अन्यथा अर्थ मत लगाइए यह मेरे साथ अन्याय होगा ।
साभिवादन
सुमन
लो क सं घ र्ष !
मैं किसी को भी पशुवत्व नहीं मान रहा हूँ लेकिन अगर उसने कमर कस ली है कि सुमन एडवोकेट की ऐसी की तैसी कर देनी है तो भैया स्वागत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है । शायद बचाव का रास्ता मिल जाए। अन्यथा दो छेंद अतिरिक्त हो जायेंगे।
अंत में हमारा कोई भी प्रयास किसी की छवि को बिगाड़ने का नहीं है। भड़ास मंच का उपयोग मैं अपनी बात रखने के लिए करता हूँ। आप सभी लोगों का सहयोग मिला है, मिलता रहेगा। nice मैं बुखार की दवा के लिए नहीं इस्तेमाल करता हूँ अन्यथा अर्थ मत लगाइए यह मेरे साथ अन्याय होगा ।
साभिवादन
सुमन
लो क सं घ र्ष !
2 टिप्पणियाँ:
आपकी बात सही, सच्ची और अच्छी लगी जी
प्रणाम
मैंने निजी तौर पर अनोप मंडल के द्वारा करे जा रहे कार्यों को मैंने देखा है कि वे लोग सचमुच मजदूर,किसान,नाई,बढ़ई आदि जैसे सेवा प्रदाता गरीब संघर्षशील लोगों के साथ गहराई से जुड़ कर मदद करते हैं। रही बात सुर और असुर की तो मैं एक बात साफ़ कर दूं कि उन लोगों का खुला चैलेंज है कि यदि उनकी धर्म पुस्तक की बातों पर साइंस के द्वारा शोध करा लिया जाए और निराधार सिद्ध हो तो खुलेआम फ़ांसी दे दी जाए। अब उनकी धर्मपुस्तक पर शोध कराने का खर्च कौन उठाए ये भी एक बड़ा सवाल है वैसे वे लोग कई बार अत्यंत तार्किक प्रतीत हुए क्योंकि अब तक जो भी भड़ास पर इस प्रकरण में लिखा गया है उसके प्रिंट आउट्स तक उनके संग्रहालय में वे लोग रख लेते हैं यानि कि हम जो भी लिख रहे हैं वो सब उनके आर्काइव में एकत्र हो रहा है।
सुमन जी की बात से असहमति रखते हुए जादूटोना पर अलग राय रखता हूं। सुमन जी बता दें क्योंकि मैंने सुना है कि हमारे संविधान में कालाजादू आदि को प्रतिबंधित करा गया है तो जो चीज अस्तित्त्व ही नहीं रखती उसे प्रतिबंधित कैसे करा जा सकता है?मैं स्वयं एक साइंटिस्ट होने पर भी इस विषय पर एक पुस्तक लिख रहा हूं ईश्वर की इच्छा रही तो अतिशीघ्र भड़ासियों के सामने लाउंगा।
जय जय भड़ास
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