सुमन जी अपनी विचार धारा स्पष्ट करें- वामपंथी,दक्षिणपंथी या पोंगापंथी.......क्या है लोकसंघर्ष???
मंगलवार, 1 जून 2010
भाई रणधीर सिंह सुमन जी के ऊपर किन्ही सज्जन(?) ने सीधा वैचारिक आक्रमण करा और वकील साहब ने अपने उत्तर में उन बातों को साफ़ करने की कोशिश करी है। जैन मित्रों ने वकील साहब के आगे क्या स्वीकारा है उन्होंने बड़े ही साहस से लिखा लेकिन वो कौन सी बातें हैं ये लिखने में वकील साहब कन्नी काट गये।
मेरा वकील साहब से मेरा सीधा सवाल है कि वे बताएं कि उनकी और उनके समूह की विचार धारा क्या है वे वामपंथी हैं यानि सरकार की गलत नीतियों के विरोध को प्रखर करते हैं या दक्षिण पंथी हैं यानि कि सरकारी नीतियों के साथ सही गलत का विचार करे बिना ही उसी को जनहित बताना। एक अन्य नीति और विचार धारा है जो न वामपंथ है न ही दक्षिण पंथ जो कि निरपेक्षता और तटस्थता आदि का बाजा बजाती है उसे पोंगा पंथ कहा जाता है। क्या सोचते हैं वकील साहब जरा साफ़ बताइये।
नाइस बुखार की दवा है और वेलकम अक्षय कुमार और नानापाटेकर आदि की हिन्दी फिल्म ; ये मुझे न दीजिएगा। आप खुद कह रहे हैं कि जो आपको गाली देने का मन बना चुका है उसे समझाना बेकार है लेकिन आपके साहस की दाद देनी होगी कि इस पर भी आप उस बंदे को वेलकम कर रहे हैं यानि कि एक सांड सींगों में तेल लगा कर पेलने आया है ये बात आप जान रहे हैं और फिर भी आप उसका स्वागत कर रहे हैं तो आपकी जय हो.......। आपके उत्तर की निर्निमेष प्रतीक्षा में।
जय जय भड़ास
3 टिप्पणियाँ:
Dear Ajay Mohan;
I deleted both of my comments because there is no significance of those comments left now. I don't know why the comment option is kept open on the blog if it takes more than 24 hours to get approved from you people?
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