विचारधारा समझ आयी..?
बुधवार, 23 जून 2010
चलिए साहब कम से कम कुछ तो समझ आया मुझे तो लगा था बिना डिग्री मुझे वकील बनाने संजय भाई (?) को कब समझ आयेगी चलिए आ ही गयी तो जनाब अब जब आप समझ ही चुके हिं तो क्या वकालत वाली बात वापस ले रहे हैं मुनेन्द्र भाई सिर्फ यू समझिये जैसे मेरे तर्क आप के सर के ऊपर से गुज़र गए उसकी शुरुआत संजय भाई ने की थी खैर अब तो वाद विवाद शुरू हो ही चूका है और देख रहा हूँ पहली बार रुपेश भाई इस बहस में आंशिक रूप से ही शामिल हैं शायद अभी नए भडासी को तैयार कर रहे हैं हम सभी उनके साथ हैं और संजय भाई महाभडासी भड़ास पर सिर्फ एक ही हैं.शायद आपको समझ नहीं आयेगा और भाई आपको बोला है तेलिगिरी नहीं जिसके बारे में जो लिखना है लिखिए...
और ये क्या बूंदों फुहारों की बात कर रहे हैं कुछ कटरीना,लैला,सुनामी की बात करें तो लगे की कुछ हलचल हुई.
आपका हमवतन भाई गुफरान सिद्दीकी
(अवध पीपुल्स फोरम अयोध्या फैजाबाद)
1 टिप्पणियाँ:
गुफ़रान जी बिना डिग्री के भी आप सुप्रीम कोर्ट तक किसी भी विचार की पैरोकारी कर सकते हैं। सत्यतः किसी विचार की वकालत के लिये महाविद्यालयीन डिग्री की अनिवार्यता नहीं है अपितु यदि आप व्यवसाय के तौर पर वकालत करते हैं तो आपको डिग्री की आवश्यकता होती है जिसके आधार पर बार काउंसिल में आपका पंजीयन होता है।
जय जय भड़ास
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